सम्पादकीय

भ्रम-भ्रांतियों के बीच सौ करोड़ टीकाकरण

Gulabi
25 Oct 2021 3:06 AM GMT
भ्रम-भ्रांतियों के बीच सौ करोड़ टीकाकरण
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सौ करोड़ टीकाकरण

यह तब तक समाप्त नहीं हो सकता है जब तक हम कोरोना के निरोधक उपायों को नहीं अपनाएंगे, तब तक हम सुरक्षित नहीं हैं। आज देश में हर जगह से आंकड़े एकत्रित किए जाएं तो मृत्यु अभी भी हो रही हैं और अभी भी कोरोना संक्रमण से लोग जूझ रहे हैं। हमें अभी भी आवश्यकता है कि भीड़भाड़ के क्षेत्रों में नहीं जाना चाहिए, दो गज की दूरी है जरूरी, हाथ धोना अपने आप को सुरक्षित रखना इत्यादि पंक्तियों को दैनिक व्यवहार में लाने की आवश्यकता है। इन उपायों को पूरा करना जरूरी है, चाहे व्यापार का क्षेत्र हो, शिक्षा का क्षेत्र हो या प्राइवेट सेक्टर हो। हर जगह आर्थिक रूप से नुकसान हुआ है। अभी भी कुछ एक सेक्टर में काम शुरू नहीं हुए हैं। शिक्षा का क्षेत्र बहुत पीछे चला गया है। प्राइमरी स्तर, आंगनवाड़ी स्तर इतना पिछड़ गया है कि बच्चों में स्कूल जाने को लेकर भय पैदा हो गया है…


भ्रम, भय और चुनौतियों के बीच सौ करोड़ लोगों को कोविड वैक्सीन का लक्ष्य हासिल करना भारत की कोरोना लड़ाई में सबसे बड़ी उपलब्धि है। आज वैश्विक स्तर पर भारत ने एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। सबसे बड़े वैक्सीनेशन अभियान में एक ऐसा आयाम स्थापित किया है, जोकि अन्य राष्ट्रों के लिए एक मार्ग प्रदान करेगा। लेकिन अभी भी कोरोना का डर दिलो-दिमाग से नहीं निकला है। भारत में जब कोरोना फैला था तो ऐसा लग रहा था मानो आम जनमानस का जीना दूभर हो जाएगा, लेकिन भारत सरकार ने सभी चुनौतियों को स्वीकार किया और देश के कोने-कोने में टीका लगवाने के लिए लोगों को प्रेरित किया।


हर जगह जागरूकता अभियान चलाए गए जिसमें जहां स्वास्थ्य वर्कर और स्वयंसेवी संस्थाओं ने जो सहयोग दिया, उसका नतीजा रहा कि लोग टीकाकरण के लिए आगे आए और इस बीमारी से मुक्त हुए। बहुत सी घटनाएं घटी, लाखों लोगों की जानें चली गईं, लेकिन फिर भी भारत सरकार ने अपना लक्ष्य जो आज पूरा किया है, उसके ऊपर पूरे देश को नाज है क्योंकि इसमें देश का हर नागरिक शामिल था, लेकिन अभी भी कुछ राज्यों में इस भयभीत बीमारी का प्रकोप चला हुआ है। यह तब तक समाप्त नहीं हो सकता है जब तक हम कोरोना के निरोधक उपायों को नहीं अपनाएंगे, तब तक हम सुरक्षित नहीं हैं। आज देश में हर जगह से आंकड़े एकत्रित किए जाएं तो मृत्यु अभी भी हो रही हैं और अभी भी कोरोना संक्रमण से लोग जूझ रहे हैं। हमें अभी भी आवश्यकता है कि भीड़भाड़ के क्षेत्रों में नहीं जाना चाहिए, दो गज की दूरी है जरूरी, हाथ धोना अपने आप को सुरक्षित रखना इत्यादि पंक्तियों को दैनिक व्यवहार में लाने की आवश्यकता है। इन उपायों को पूरा करना जरूरी है, चाहे व्यापार का क्षेत्र हो, शिक्षा का क्षेत्र हो या प्राइवेट सेक्टर हो। हर जगह आर्थिक रूप से नुकसान हुआ है। अभी भी कुछ एक सेक्टर में काम शुरू नहीं हुए हैं। शिक्षा का क्षेत्र बहुत पीछे चला गया है। प्राइमरी स्तर, आंगनवाड़ी स्तर इतना पिछड़ गया है कि बच्चों में स्कूल जाने का भय पैदा हो गया है।

भारत सरकार के साथ-साथ राज्य सरकारों को, देश-प्रदेश के अभिभावकों को आगे आना होगा और अपने बच्चों को शिक्षा के सुचारू संचालन में दोबारा जागरूक करना होगा। तभी छोटे बच्चे स्कूल में आ पाएंगे। ऑनलाइन शिक्षा भारत के प्रत्येक राज्य में चल रही है, लेकिन बहुत सी कठिनाइयां भी हो रही हैं। जब तक बच्चे स्कूल के आंगन में स्कूल की घंटी में पढ़ाई नहीं करेंगे, तब तक उनका न तो बौद्धिक विकास होगा, न ही व्यक्तिगत विकास हो सकता है। भले ही आज के समय में हम 100 करोड़ का लक्ष्य पूर्ण कर गए हैं, लेकिन आगे भी बहुत सी चुनौतियां अभी हमारे सामने हैं। उनके निदान के लिए भी भारत के हर नागरिक को सोचना होगा और सरकार की ओर से तय किए गए नियमों का पालन करना होगा। तभी हम और ज्यादा लक्ष्य टीकाकरण का भी हासिल कर सकते हैं और इस बीमारी से भी निजात पा सकते हैं। आज भारत को सौ करोड़ टीकाकरण का सुरक्षा कवच कोरोना महामारी की लड़ाई में प्राप्त हो चुका है। कोरोना वैश्विक महामारी ने जहां लोगों को भयभीत कर रख दिया था, वैक्सीन…वैक्सीन की हवा चारों ओर दौड़ने लगी थी, कब आएगी वैक्सीन और कब होगा टीकाकरण…ऐसा महसूस होने लगा था जैसे वैक्सीन को आते-आते दुनिया खत्म हो जाएगी…वर्ष 2025 से पहले वैक्सीन नहीं आएगी, जैसी कई बातें प्रचलन में आईं लेकिन इन सब बातों से परे वैक्सीन भी आई और आज 100 करोड़ लोगों का टीकाकरण का लक्ष्य हासिल कर भारत ने विश्व मंच पर दर्शा दिया कि भारत अब नया भारत है।

स्वास्थ्य, शिक्षा व सामाजिक मैनेजमेंट में पूरे विश्व का नेतृत्व आज भारत कर रहा है। भारत एक बार फिर विश्वगुरू भारत बनने की राह पर अग्रणी स्थान पर कायम है जोकि पूरे विश्व के लिए एक सीख है। देश में कोविड-19 वैक्सीनेशन का आंकड़ा 100 करोड़ के पार पहुंचने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने भी हौसला अफजाई करते हुए बधाई दी। प्रधानमंत्री ने अपने ट्वीट में लिखा, 'हमारे डॉक्टरों, नर्सों और उन सभी को धन्यवाद जिन्होंने इस उपलब्धि को हासिल करने के लिए काम किया है। वास्तव में ही यह 100 करोड़ वैक्सीन का कवच भारत के उन सभी कोरोना योद्धाओं की दिन-रात की कड़ी मेहनत का परिणाम है जिन्होंने राष्ट्र के लिए अपनी जान को जोखिम में डाल कर विषम परिस्थितियों में भी कार्य करना नहीं छोड़ा, घर में बच्चों को छोड़कर स्वास्थ्य की परवाह किए बिना देश के कोरोना योद्धा प्रथम पंक्ति में कोरोना की लड़ाई में डटे थे। आज इस मुकाम पर टीकाकरण अभियान का पहुंचना उन सभी की कड़ी मेहनत से ही संभव हो पाया है। ऐसे समस्त देश के सुपर हीरों को सलाम है जो अभी भी कोरोना के खिलाफ युद्ध में योद्धा बनकर राष्ट्र के लोगों की स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए डटे हैं।' बेशक हमने यह उपलब्धि हासिल कर ली है, लेकिन कोरोना की तीसरी लहर की आशंकाएं अभी भी बरकरार हैं। कोविड प्रोटोकॉल का पालन कर हम इस लहर को रोक सकते हैं। अपनी तथा अपने लोगों की सुरक्षा के लिए जरूरी है कि हम कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते रहें।

प्रो. मनोज डोगरा

लेखक हमीरपुर से हैं


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