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- सोनिया गांधी शुक्रवार...

अजय झा।
कांग्रेस पार्टी (Congress Party) की एक खासियत है कि पार्टी कभी हार नहीं मानती, वह भी खास कर तब से जब से सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने 1998 में कांग्रेस अध्यक्ष पद संभाला. बिना चुनाव परिणामों से विचलित हुए पार्टी अपने लक्ष्य प्राप्ति की दिशा में चलती रहती है. समय के साथ लक्ष्य में थोड़ा परिवर्तन जरूर हो गया. जहां सोनिया गांधी का लक्ष्य पहले स्वयं प्रधानमंत्री बनना था, अब लक्ष्य राहुल गांधी (Rahul Gandhi) का देश के प्रधानमंत्री पद पर ताजपोशी है. राहुल गांधी को दो बार जनता के सामने प्रधानमंत्री पद के दावेदार के रूप में पेश किया गया. पार्टी दोनों बार, 2014 और 2019 के चुनाव में विफल रही, पर सोनिया गांधी ने हिम्मत नहीं हारी. अब समस्या है कि राहुल गांधी को प्रधानमंत्री बनाने के लिए पहले उन्हें विपक्ष का सर्वसम्मत प्रधानमंत्री पद का दावेदार मनोनीत किया जाना अनिवार्य बन गया है.