सम्पादकीय

पर्यटन को निगाह चाहिए

Rani Sahu
15 Jun 2023 6:30 PM GMT
By: divyahimachal
पर्यटन की आंखें हर ओर देख लेती हैं, जरूरत है इन्हें रास्ता दिखाने की। हिमाचल पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष आरएस बाली को पालमपुर के किसान मेले में आकर लगा कि ऐसे इंतजाम को पर्यटन की निगाह मिल जाए तो प्रदेश के कृषि-बागबानी विज्ञान केंद्र सैलानियों से सराबोर हो जाएंगे। दरअसल हिमाचल में ‘टूरिज्म इन आल डिपार्टमेंट्स’ की पालिसी पर अमल करें तो प्रदेश को देखने की आंखें बदल जाएंगी। पर्यटन को अगर दक्षिण, पश्चिम और पूर्वोत्तर राज्यों की निगाह से देखें तो ऊना, हमीरपुर, सिरमौर व बिलासपुर जैसे सीमांत जिला भी डेस्टिनेशन हैं। सवाल यह है कि हम इधर-उधर लांघते पर्यटन को हर जगह रोक के बताएं। क्या हम योजनाएं बनाते हुए सोचते हैं कि ऊना या हमीरपुर का पर्यटन पैकेज क्या होगा। आरंभिक दौर में पर्यटन निगम की सामग्री में यह जोर था कि हर क्षेत्र को पर्यटन से जोड़ा और संवारा जाए, लेकिन ये प्रयोग असफल क्यों हुए किसी ने सोचा नहीं। नूरपुर, ऊना, बैजनाथ, स्वारघाट व रेणुकाजी इत्यादि जगह पर पर्यटन इकाइयां क्यों असफल हुईं, अगर सोचा होता तो इन क्षेत्रों के मायने बदल जाते। उदाहरण के लिए ऊना, हमीरपुर, सिरमौर या बिलासपुर की परिधि में पर्यटन थीम पार्क, मनोरंजन पार्क, साइंस सिटी या वाटर स्पोट्र्स जैसी परिकल्पनाओं का आगाज किया होता, तो पर्यटकों के सप्ताहांत जमावड़े इन क्षेत्रों में भी लगते।
जहां तक हर विभाग को पर्यटन से जोडऩे का सवाल है, तो सर्वप्रथम शहरी व ग्रामीण विकास विभाग ऐसी गतिविधियों से शहरी व ग्रामीण आर्थिकी को बढ़ा सकते हैं। उदाहरण के लिए अगर 68 विधानसभा क्षेत्रों में एक-एक पर्यटक गांव बसाएं, तो इनकी फंडिंग के लिए कहीं भाषा-संस्कृति, कहीं मत्स्य-पशुपालन, कहीं वन, कहीं खेल, कहीं कृषि-बागबानी, कहीं ऊर्जा, कहीं परिवहन, कहीं पीडब्ल्यूडी तो कहीं जलशक्ति विभाग की परियोजनाओं के स्वरूप से पर्यटन की अधोसंरचना भी जुड़ जाती। मसलन जलशक्ति विभाग प्रदेश भर में कृत्रिम झीलों के माध्यम से पेयजल या सिंचाई परियोजनाओं को मुफ्त में पर्यटन के साथ जोड़ सकता है। इसी तरह वाटर शेड परियोजनाओं के साथ मत्स्य पालन अगर जुड़ जाता है, तो पर्यटकों के लिए ताजा मछली के लिए बस एक स्पॉट चाहिए। विडंबना यह है कि पर्यटन परियोजनाओं से केवल सियासी खेत ही बोए गए, जबकि इनके बेहतर इस्तेमाल से सारा प्रदेश विभिन्न पर्यटन सर्किट में रूपांतरित हो पाता। प्रदेश के नगर निकायों को अपनी खूबियों के अनुसार शहर को पर्यटकों को सौंपना होगा। शहरों की जमीन पर राजनीति उगाने की कोशिश में हमने कई आकर्षण खो दिए। उदाहरण के लिए पालमपुर को अगर हिमाचल का चाय शहर प्रचारित करना है, तो उसके लिए कृषि विश्वविद्यालय, संबंधित विभाग, नगर निगम, नागरिक समाज तथा प्रशासन को भी अधोसंरचना निर्माण के साथ वार्षिक गतिविधियों का एक कैलेंडर बनाना चाहिए। कुछ वर्षों से एग्रो टूरिज्म की निगाह से किन्नौर की सांगला वैली में एक उछाल आया, लेकिन आज वहां घाटी, खेत और बागीचे को कंक्रीट छीन रहा है। बेशक कीरतपुर से मनाली तक के फोरलेन पर तीन होटलों की परिकल्पना की जा रही है, लेकिन होटल और पर्यटन परिसर के अंतर में अगर निर्माण होता है, तो हर परिसर में विश्राम व खान-पान की सहूलियतों के साथ-साथ हिमाचल के दर्शन भी होंगे।
इसी संबंध में कीरतपुर से मनाली तक जा रहे फोरलेन की जद में बीरबल शर्मा द्वारा निर्मित हिमाचल दर्शन फोटो गैलरी का अस्तित्व सिमट रहा है, तो इसके भविष्य पर कौन संज्ञान लेगा। पर्यटन जितना सरकारी ढांचे में है, उससे कहीं ज्यादा निजी क्षेत्र के हस्तक्षेप से संभव हो रहा है। ऐसे में जरूरत यह भी है कि निजी क्षेत्र के अभिनव प्रयोगों को सम्मानित व संरक्षित किया जाए। तमाम होटल, ट्रैवल, टैक्सी, बस आपरेशन, व्यापार, मनोरंजन व रेहड़ी-फड़ी से जुड़ी एसोसिएशनों से पूछा जाए या उनके सहयोग से पनपते पर्यटन को महसूस किया जाए, तो विविधता के कई आयाम नजर आएंगे। उदाहरण के लिए पिछली आधी सदी से शिमला के रिज-मालरोड पर एक शख्स नमकीन की पुडिय़ा बेच रहा है। इसे केवल हम उसकी रोजीरोटी से जोडक़र देखें तो कुछ नहीं मिलेगा, लेकिन पर्यटक के हाथ में शिमला की इस पुडिय़ा का जिक्र इसे आकर्षण बना देता है। प्रदेश की सडक़ों के किनारे ऐसे कई प्वाइंट हैं, जहां पर्यटक चाट-पकौड़ी, मैगी, नारियल पानी, गोल-गप्पे और देशी फल-सब्जियों के लिए रुक जाते हैं। ये लोग पर्यटकों की लंबी यात्रा को कुछ क्षणों के लिए सही, अपने अनुभव से जोड़ देते हैं। ऐसे में पीडब्ल्यूडी या अन्य सडक़ निर्माण एजेंसियां अगर हर बीस किलोमीटर के बाद पर्यटक सुविधा ठहराव केंद्र विकसित करें तो यह आकर्षण रोजगार व पर्यटन उद्योग को नए संस्कार देगा। कोशिश करनी चाहिए कि प्रदेश के व्यापार मंडल अपने गांव, कस्बे या शहर की पर्यटक गतिविधियों के संवाहक बनें।
Rani Sahu

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