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पाकिस्तान की प्रसिद्ध गायिका 71 वर्षीय नय्यारा नूर का रविवार को निधन हो गया. नय्यारा नूर से मेरी पहली मुलाकात 1981 में हुई थी
वेद प्रताप वैदिक
पाकिस्तान की प्रसिद्ध गायिका 71 वर्षीय नय्यारा नूर का रविवार को निधन हो गया. नय्यारा नूर से मेरी पहली मुलाकात 1981 में हुई थी. जनवरी 1981 में जब मैं काबुल में प्रधानमंत्री बबरक कारमल से मिलने जा रहा था तो राजमहल के ड्राइवर ने कार में एक हिंदी गजल चला दी. मैंने उससे फारसी में पूछा कि यह पठान या ताजिक गायिका इतनी अच्छी हिंदी-उर्दू गजल कैसे गा रही है?
उसने बताया कि यह महिला अफगान नहीं, पाकिस्तानी है और इसका नाम नय्यारा नूर है. उसी साल मेरा पाकिस्तान भी जाना हुआ. नय्यारा से संपर्क करके मैं लाहौर में उनके घर पहुंचा तो मुझे ढूंढ़ते-ढूंढ़ते मेहदी हसन भी वहां आ पहुंचे. वे जयपुर के थे. नय्यारा के पति शहरयार जैदी लखनऊ के थे. हम चारों भारतीय मूल के लोग आपस में इतने रम गए कि जैसे बरसों से दोस्त रहे हों.
नय्यारा नूर गुवाहाटी में 1950 में पैदा हुई थीं. 8 साल बाद उनके पिता पाकिस्तान चले आए. जब नय्यारा लाहौर के कॉलेज में पढ़ रही थीं तो अचानक उनकी गायन-प्रतिभा प्रस्फुटित हो गई. छोटी उम्र में ही वे बहुत प्रसिद्ध और लोकप्रिय होने लगीं. उन्हें कई सम्मान और पुरस्कार मिले लेकिन मैंने जो सज्जनता और सरलता उनमें और उनके पति जैदी साहब में पाई, वह बहुत कम कलाकारों में पाई.
पिछले 40 साल में पाकिस्तान की मेरी हर यात्रा के दौरान मेरी इच्छा रहती थी कि बहन नय्यारा से मिलूं और उनके पास बैठकर उनकी गजलें सुनूं लेकिन वे अब कराची में रहने लगी थीं. नय्याराजी से अभी दो-तीन महीने पहले भी फोन पर बात हुई थी. उनकी तबीयत ठीक नहीं थी. उन्होंने यह भी बताया कि उन्होंने पिछले कुछ वर्षों से गाना छोड़ दिया है.
उनका गायन और आत्म-प्रचार के प्रति यह अनासक्त भाव मुझे आश्चर्यचकित करता रहा. नय्यारा नूर, मलिका पुखराज, नूरजहां और मेहदी हसन जैसे लोगों ने पाकिस्तान की इज्जत बढ़ाई और अपनी प्रतिभा से पाकिस्तानियों को आनंदित किया लेकिन जैसा कि राष्ट्रपति आसिफ जरदारी ने कहा था, 'हर पाकिस्तान के दिल में एक हिंदुस्तान धड़कता है', उनका यह कहना नय्यारा नूर जैसे कई महान कलाकारों के लिए एकदम सही बैठता है. नय्याराजी को हार्दिक श्रद्धांजलि.
Rani Sahu
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