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जनता से रिश्ता वेबडेस्क : गुजरात के बोटाद जिले में पिछले दो दिनों के भीतर जहरीली शराब से अट्ठाईस लोगों की मौत की घटना दहला देने वाली है। यह घटना इस बात का प्रमाण है कि शराबबंदी के बावजूद राज्य में जहरीली शराब का धंधा जारी है। हालांकि पुलिस ने इस मामले में चौदह लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करने और कुछ लोगों को गिरफ्तार करने की बात भी कही है। भले पुलिस इसे अपनी बड़ी उपलब्धि मान रही हो, लेकिन सबसे ज्यादा सवालों के घेरे में तो वही है। सवाल है कि अब तक क्या पुलिस सो रही थी? इस कांड में सात गांवों के लोग मारे गए।करीब पचास लोग गंभीर रूप से बीमार हैं। यह दर्दनाक घटना बता रही है कि भले राज्य सरकार ने शराबबंदी लागू कर रखी हो, लेकिन वह सिर्फ कागजों में ही है। जबकि हकीकत यह है कि शहरों से लेकर गांव-कस्बों तक में जहरीली शराब का कारोबार बेरोकटोक चल रहा है। ऐसे में शराबबंदी जैसे उपाय और कानून का क्या मतलब रह जाता है? जाहिर है, ये सब केवल दिखावे के लिए हैं और सच्चाई यह है कि लोग जहरीली शराब से मर रहे हैं।