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जनता से रिश्ता वेबडेस्क : सरकार का उद्देश्य आयुष्मान भारत योजना का विस्तार कर पचास करोड़ परिवारों को इसमें शामिल करना था, मगर लगभग चार वर्षों में इसके विस्तार के बजाय दुरुपयोग की शिकायतों में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। बड़ी संख्या में आयुष्मान मान्य निजी अस्पतालों द्वारा भर्ती मरीजों को छोटी-छोटी बीमारियों के लिए फर्जी पर्ची के माध्यम से मरीज के पांच लाख रुपए के आयुष्मान कार्ड को खाली करने की शिकायतें प्राप्त हो रही हैं। एक कार्डधारक के पहचान-पत्र से सैकड़ों फर्जी नामों को जोड़ने के अनेक खुलासों के बाद भी सरकार की तरफ से तकनीकी त्रुटि में सुधार के प्रयास नहीं हुए हैं।देश में बीमारियां और उनका मंहगा इलाज आम आदमी के आर्थिक हालात सुधरने में सबसे बड़ी बाधा हैं। छोटी से छोटी बीमारी एक आम आदमी के महीने भर का वेतन खत्म कर देती है। इलाज के लिए निजी अस्पतालों पर निर्भरता और महंगे इलाज के मद्देनजर केंद्र सरकार ने 2018 में आयुष्मान भारत योजना लागू की थी।