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पुर्तगाल और केन्या की संयुक्त मेजबानी में गत 27 जून से एक जुलाई के बीच पुर्तगाल की राजधानी लिस्बन में आयोजित 'संयुक्त राष्ट्र महासागर सम्मेलन' कई मायनों में खास रहा। वर्ष 2017 के बाद यह दूसरा मौका था, जब सैकड़ों देशों ने एक मंच पर आकर महासागरों को खतरे से बाहर निकालने के लिए एकजुटता दिखाई। इस सम्मेलन में महासागरीय विज्ञान का महत्व रेखांकित किया गया और वैज्ञानिक नवाचार बढ़ाने की बात भी कही गई। सम्मेलन में सहभागी देशों ने महासागरों की रक्षा के लिए एक नए राजनीतिक घोषणापत्र पर सहमति जताई है। 'लिस्बन घोषणापत्र' नामक इस संयुक्त उद्घोषणा के जरिये सदस्य देशों ने महासागरों के संरक्षण और उसकी जीवंतता बरकरार रखने के लिए प्रदूषण पर नियंत्रण, कार्बन उत्सर्जन में कमी और महासागरीय परितंत्र को नुकसान पहुंचाने वाली मानवीय गतिविधियों पर अंकुश लगाने की प्रतिबद्धता जताई है।