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जनता से रिश्ता वेबडेस्क : विपक्ष के वंशवाद पर हमला कर भाजपा अपने नेताओं, कार्यकर्ताओं के लिए भी चेतावनी बनाए रखना चाहती है। कांग्रेस, राजद, समाजवादी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस के वंशवाद पर हमला कर पार्टी अपने अंदर सुधारवादी अभियान चलाए रखना चाहती है क्योंकि उसे अपने ढांचे के अंदर भी इसके खतरे साफ-साफ दिख रहे हैं। लंबे समय तक सत्ता के अहंकार से कोई दल बचा नहीं है। इसके बाद जनता के साथ उसके व्यवहार में भी अंतर आ जाता है। भाजपा नेतृत्व इसे लेकर सजग है।हैदराबाद में हुई भाजपा की राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक में विपक्ष पर हमलावर रहने के साथ पार्टी ने अपने अंदरुनी सुधार का भी संदेश दिया है। जब आपके पास देने के लिए बहुत कुछ होता है तो यह मायने रखता है कि आप उसका प्रबंधन कैसे करते हैं। आठ साल से केंद्रीय सत्ता और कई राज्यों में सत्ताधारी हो चुकी भाजपा के संगठनात्मक ढांचे को यह समझ है कि अब राजनीतिक संसाधन के आबंटन व शक्ति प्रदर्शन को लेकर उसके सतर्क होने का समय आ गया है। बैठक में वंशवाद के मुद्दे पर विपक्ष को हमलावर तरीके से घेरा गया है। पर, इसके जरिए भाजपा ने अपने राजनीतिक ढांचे को भी विरासती राजनीति से दूर रहने का संदेश दिया है। सत्ता का प्रभाव बढ़ने के साथ पार्टी अपने अंदर भी वंशवाद के खतरे को भांप रही है। विपक्ष की तरह हारे को हरिनाम वाली स्थिति में पहुंचने से बचने के लिए जीते को पैगाम देती भाजपा राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक पर बेबाक बोल।