- Home
- /
- अन्य खबरें
- /
- सम्पादकीय
- /
- सवाल भरोसे का

जनता से रिश्ता वेबडेस्क : पिछले दिनों पूर्वी और पश्चिमी दिल्ली के दो अस्पतालों के चिकित्सकों को स्वास्थ्य विभाग ने निलंबित कर दिया। उन पर आरोप था कि वे दवा कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए बाजार की दवा लिख रहे थे, जबकि वे दवाएं अस्पताल में भी उपलब्ध थीं। किसी शिकायत पर कार्रवाई होना और समस्या का समाधान होने में अंतर होता है। क्या उपलब्ध दवाओं की गुणवत्ता भी सरकार सुनिश्चित कर पा रही है? क्या सरकार निजी अस्पताल और गैर-सरकारी चिकित्सकों पर भी शिकंजा कस पा रही है?सच्चाई अब भी यही है कि सामान्य नागरिक का सरकारी स्कूल, सरकारी अस्पताल और सरकारी दवाओं की गुणवत्ता पर अभी तक विश्वास नहीं जम पा रहा है। पहले सरकारें शिक्षा और चिकित्सा विभाग की गुणवत्ता सुनिश्चित करें, तभी इन कार्रवाइयों का कुछ औचित्य होगा। अन्यथा वे सिर्फ खानापूर्ति ही साबित होती रहेंगी।
