- Home
- /
- अन्य खबरें
- /
- सम्पादकीय
- /
- नफरत के बीज

जनता से रिश्ता वेबडेस्क : उदयपुर की हृदय विदारक घटना, जिसमें दो सिरफिरे युवकों ने सरे बाजार एक दर्जी की दुकान में घुसकर उसकी नृशंस हत्या कर दी, ने एक बार पुनः ये साबित कर दिया है कि समाज में मनुष्य बहुत तेजी से दर्शक बनते जा रहे हैं। दर्शक भी ऐसे जिसमें विवेक, विचार और बुद्धि काम नहीं करती। जो किसी घटना को देखकर मदद के लिए नहीं, बल्कि अपनी जान बचाने के लिए भागता है।कई बार वह उस घटना को अपने मोबाइल फोन के कैमरे में कैद कर लेने की होड़ में खो जाता है। मनुष्य ऐसा नहीं होता। मनुष्य सामाजिक होता है। जरूरत पड़ने पर दूसरे मनुष्य की मदद को तत्पर। मगर धीरे-धीरे समाज का मनोविज्ञान बदल गया है। अब मनुष्य असामाजिक होता जा रहा है। आभासी दुनिया में सिमटा हुआ। फेसबुक पर अनजान लोगों के दुख में दुख व्यक्त करता है, लेकिन असल जीवन में किसी की मदद करना उसे किसी पचड़े में पड़ना जान पड़ता है।
सोर्स-amarujala
