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- कमजोर होते रुपये
जनता से रिश्ता : बढ़ती ब्याज दर के दौर में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) जोखिम लेने से परहेज कर रहे हैं और भारत से अपना पैसा निकालकर डॉलर में निवेश कर रहे हैं। नतीजतन रुपया लगातार कमजोर हो रहा है। इसके साथ, बैंक भी डॉलर की लगातार लिवाली कर रहे हैं। पिछले कुछ हफ्तों से डॉलर के मुकाबले रुपया निरंतर कमजोर होता जा रहा है। 22 जून को डॉलर के मुकाबले रुपया 31 पैसे घटकर 78.39 के निचले स्तर पर बंद हुआ था।20 जून को रुपया 78.08 पर और इससे पहले 13 जून को रुपया 78.28 के निचले स्तर पर बंद हुआ था। मंगलवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 78.75 के निचले स्तर पर आ गया। नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (एनएसडीएल) के आंकड़ों के अनुसार, इस साल एफपीआई ने 2.08 लाख करोड़ रुपये की शुद्ध बिकवाली की और रोजाना 2,200 करोड़ रुपये की बिकवाली की। रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध शुरू होने के बाद से एफपीआई प्रतिदिन 4,500 करोड़ रुपये की बिकवाली कर रहे हैं।