- Home
- /
- अन्य खबरें
- /
- सम्पादकीय
- /
- महिला हॉकी टीम
जनता से रिश्ता : भारतीय महिला हॉकी टीम का पुरुषों की तरह इतिहास चमकदार तो नहीं है। पिछले साल टोक्यो ओलंपिक में वह भले ही पोडियम पर चढ़ने में कामयाब नहीं हो सकी, पर उसने अपने जानदार प्रदर्शन से अपना नाम दुनिया की धाकड़ टीमों में शुमार जरूर करा लिया। टीम में आए इस बदलाव का ही परिणाम है कि सविता पूनिया की अगुआई वाली भारतीय टीम से नीदरलैंड और स्पेन में शुरू हो रहे एफआईएच महिला हॉकी विश्व कप में भारत के पोडियम पर चढ़ने की उम्मीद की जा रही है।भारतीय टीम में आए इस बदलाव का श्रेय पाने के हकदार निश्चय ही टोक्यो ओलंपिक तक टीम के कोच रहे शोर्ड मारिन हैं। उन्होंने टीम की खिलाड़ियों के कौशल को मांजने के साथ यह विश्वास बनाया कि उनमें हर टीम को फतह करने का माद्दा है। हम सभी जानते हैं कि भारतीय महिला हॉकी टीम के पास सफलताओं के नाम पर 1982 के मास्को ओलंपिक में चौथा स्थान, 1974 के तेहरान विश्व कप में चौथा स्थान और 1982 के एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक के अलावा कुछ एशिया कप की सफलताएं ही हैं।
सोर्स-amarujala