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जनता से रिश्ता : जनता से रिश्ता : अब डिजिटल मीडिया पर भी केंद्र सरकार की निगरानी हो चुकी है। ऑनलाइन न्यूज, फिल्में और वेब सीरीज अब सूचना और प्रसारण मंत्रालय के अधीन हैं। सूचना और प्रौद्योगिकी (आईटी) मंत्रालय की अब महज तकनीक पर नहीं बल्कि सामग्री (कंटेंट) पर भी नजर रहेगी।केंद्र ने सूचना और प्रौद्योगिकी (आईटी) मंत्रालय में राष्ट्रीय साइबर समन्वय केंद्र (एनसीसीसी) निदेशक को ऑनलाइन कंटेंट ब्लॉक करने का निर्देश जारी करने का अधिकार दिया है। आईटी एक्ट की धारा 69 और 69 ए के प्रावधानों के तहत किसी ऐसी जानकारी को रोकने का निर्देश दिया जा सकता है जो देश की रक्षा, अखंडता, संप्रभुता को प्रभावित करती हो।
क्या कहता है कानून?
यूं तो सुप्रीम कोर्ट में 2015 में सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम (आईटी एक्ट) की धारा 66 ए को असांविधानिक करार दिया गया जिसमें किसी की भी गिरफ्तारी का मनमानी अधिकार नहीं। केरल के संदर्भ में यदि देखें तो 118 ए से पहले 118 डी को निरस्त किया जा चुका है। लेकिन पिछले दिनों ही सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई के दौरान यह भी कहा था कि हाल के दिनों में जिस चीज का सबसे ज्यादा दुरुपयोग हुआ है, वह है अभिव्यक्ति की आजादी।सुप्रीम कोर्ट ने तो केंद्र सरकार से यहां तक कहा कि सोशल मीडिया को लेकर दिशा-निर्देश की सख्त जरूरत है, ताकि भ्रामक जानकारी देने वालों की पहचान हो सके, उन पर कार्रवाई हो सके। अदालत ने चिंता जताई कि हालात यह हैं कि यह हमारी निजता तक सुरक्षित नहीं, अभिव्यक्ति की आजादी का इस्तेमाल नफरत का बीज बोने के लिए नहीं होना चाहिए।
ऐसे में अब यदि सरकारें भी चिंतित हो रही हैं तो चिंता वाजिब है, चाहे वह केरल की लाल सलाम सरकार हो या भाजपा शासित भगवा सरकारें या केंद्र की सरकार। क्या हमें महज सरकार के भरोसे ही रहना चाहिए।
सोर्स-amarujala
Tagsjantaserishta

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