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प्रतीकात्मक तस्वीर
जनता से रिश्ता : कमोबेश पूरा देश इन दिनों विरोध की लपटों के चपेट में है। केंद्र की ओर से घोषित सैन्य बहाली की नई योजना "अग्निपथ " के खिलाफ उठी चिंगारी देखते ही देखते आग के शोलो में तब्दील हो गई है। विरोध की इस आग में भारतीय रेलवे की करोड़ों की सम्पत्ति अब तक स्वाहा हो चुकी है।अग्निपथ पर खड़े देश को सुलगाने और चोटिल करने की कोशिश अचानक की नहीं है। आगजनी और पत्थरबाजी के सुनियोजित षड्यंत्र की आंच पिछले कुछ दिनों से लगातार लगातार जलाई जा रही थी।लघु अवधि सैन्य सेवा की योजना "अग्निपथ" पर केंद्र सरकार, तीनों सेना के प्रमुख, और सैन्य सेवा की तैयारी कर रहे युवाओं के अलावा सेना के रिटायर्ड वेटरन्स की अपनी अपनी राय है।अग्निपथ योजना लेकर जहां देश के प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में देशवासियों को आश्वस्त करते हुए कहा है की समय आने पर इसका फायदा दिखेगा। वहीं सर्वोच्य सैन्य अधिकारियों ने इसे बहुप्रतीक्षित बताया है, इनके अनुसार सेना सन 1989 से ही इस परिवर्तन को लेकर प्रयत्नशील थी। किंतु उचित समय की प्रतीक्षा में यह लंबित था।
सोर्स-amarujala
