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जनता से रिश्ता : इन दिनों आगरा का ताजमहल और वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद खूब चर्चा में हैं। एक पक्ष दावा कर रहा है कि मुगल काल में हिंदुओं के पूजनीय स्थलों को तोड़कर इनका निर्माण किया गया था। सोशल मीडिया में एक लिस्ट भी तैर रही है, जिनमें 10 मस्जिदों का जिक्र है और दावा किया जा रहा है कि इन मस्जिदों का निर्माण मंदिर तोड़कर किया गया था। इस लिस्ट को कभी शिया वक़्फ बोर्ड के अध्यक्ष रहे जितेंद्र नारायण त्यागी उर्फ सैयद वसीम रिजवी ने तैयार किया था। लिस्ट में जौनपुर की अटाला मस्जिद का भी नाम है।इतिहासकारों ने क्या लिखा है? अटाला देवी मंदिर को ध्वस्त कर यहां इब्राहिम शाह द्वारा मस्जिद बनाए जाने का उल्लेख "जौनपुर नामा" में मिलता है, जिसके लेखक इतिवेत्ता मौलवी खैरुद्दीन जी हैं। इस पुस्तक का प्रकाशन, वर्ष 1833 में हुआ था और इसकी भाषा फ़ारसी है। दूसरा साहित्यिक संदर्भ 'तजल्लिये नूर' है जो कि साहित्यकार, इतिवेत्ता मौलवी नूरुद्दीन जैदी द्वारा लिखित है और उसका प्रकाशन वर्ष 1905 है। यह पुस्तक भी फ़ारसी भाषा में लिखी गई है। इस संबंध में तीसरा साक्ष्य 'भूगोल जौनपुर भाग 1' है जो वर्ष 1872 में प्रकाशित हुआ था।