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- ऊर्जा संकट में दुनिया
जनता से रिश्ता वेबडेस्क : यूक्रेन पर रूसी हमले के कारण ऊर्जा संसाधनों की आपूर्ति में बाधा और तेल-गैस आदि की बढ़ती कीमतों के कारण दुनिया में नई तरह की मंदी का खतरा मंडरा रहा है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन जिस तरह से यूक्रेन में लंबी लड़ाई लड़ने का मंसूबा दर्शा रहे हैं, उससे ऊर्जा संकट के तत्काल समाधान की उम्मीदें दिख नहीं रहीं।विकास के लिए ऊर्जा एक अनिवार्य जरूरत है। कोरोना महामारी की रफ्तार थमने के साथ पूरी दुनिया में तेल, गैस और बिजली की मांग बढ़ी है। उद्योग-धंधों में हर तरह के उत्पादन के लिए ऊर्जा के इन सभी विकल्पों का इस्तेमाल तेजी से बढ़ रहा है। जाहिर है, ऊर्जा की जरूरत दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। हालांकि यह पहले ही माना जा रहा था कि महामारी से निजात पाने के साथ जब हालात सामान्य होने लगेंगे, तब कुछ समय के लिए तेल, गैस और बिजली की मांग तेजी से बढ़ेगी और फिर धीरे-धीरे कोविड से पहले वाले दौर के समान हो जाएगी। कुछ हद तक ऐसा हुआ भी, लेकिन इस बीच रूस-यूक्रेन युद्ध ने ऊर्जा संबंधी मांग में असंतुलन पैदा कर दिया। अब मांग ज्यादा है और आपूर्ति कम। इसलिए आज कई सवाल हैं। जैसे कि ऊर्जा का यह संकट कितना बड़ा है, इसके क्या कारण हैं, यह कब और कैसे खत्म होगा और इसके क्या विकल्प हो सकते हैं?