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जनता से रिश्ता वेबडेस्क : भ्रामक विज्ञापनों पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने लंबे समय बाद सख्त कदम उठाया। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने कड़े दिशानिर्देश जारी यह साफ कर दिया है कि अब कोई भी कंपनी भ्रामक विज्ञापनों के जरिए उपभोक्ताओं को अपने जाल में फंसाने की कोशिश न करे, वरना उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। हालांकि भ्रामक विज्ञापनों से ग्राहकों को लुभाने का कंपनियों का यह खेल कोई नया नहीं है।यह वर्षों से चला आ रहा है। यह चलता भी इसीलिए रहा क्योंकि सरकार ने पहले कभी कोई ऐसी सख्ती नहीं दिखाई, न ही ऐसे व्यापक दिशानिर्देश जारी किए जिनसे कंपनियां और विज्ञापन करने वाले गलत करने से थोड़ा भी डरते। लेकिन अब जब उत्पादों को लेकर उपभोक्ताओं की शिकायतें तेजी से बढ़नी लगीं और उपभोक्ता अदालतों में बड़ी संख्या में मामले जाने लगे तो सरकार के लिए भी इस पर विचार करना जरूरी हो गया था। जाहिर है, इसका रास्ता यही है कि उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के लिए सरकार न केवल दिशानिर्देश दे, बल्कि उन पर सख्ती के साथ अमल भी करवाए।
सोर्स-jansatta