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- कठपुतली न बन जाए...
जनता से रिश्ता वेबडेस्क :इस अनुच्छेद के वाक्य खण्ड 1 के उप-वाक्य खण्ड (2) में कहा गया है, चुनाव एक निर्वाचक मण्डल द्वारा होगा, जिसमें- (ख) सभी इकाइयों की धाराओं के सदस्य अथवा जहां दो सभाएं हों, वहां (क) संघ की दोनों सभाओं के सदस्य और निचली धारासभा (लोकसभा) के सदस्य शामिल होंगे।राष्ट्रपति का चुनाव वयस्क मताधिकार के आधार पर करने से संबंध रखने वाले सभी संशोधन यद्यपि वापस ले लिए गए हैं, फिर भी इस परिषद को समझाना चाहता हूं कि यह निर्वाचन वयस्क मताधिकार के आधार पर क्योंकर वांछनीय है।इस विषय में निर्णय मुख्यत: इस बात पर निर्भर करता है कि शासन प्रबंध की पद्धति गैर-पार्लियामेण्टरी होगी अथवा पार्लियामेण्टरी। मेरा विचार है कि भारत में विरोधी राजनीतिक दलों, विभिन्न सिद्धांतों तथा अन्य बहुत सी बातों को देखते हुए, देश में शांति और व्यवस्था को कायम रखने के तथा मंत्रिमण्डल में सभी दलों के प्रभावशाली प्रतिनिधित्व की दृष्टि से यह आवश्यक है कि शासन प्रबंध गैर-पार्लियामेण्टरी पद्धति पर आधारित हो। वयस्क मताधिकार के सिद्धांत पर अमल न करने के लिए केवल एक तर्क पेश किया गया है, निर्वाचन करने के लिए बहुत बड़ी व्यवस्था करनी पड़ेगी और राष्ट्र की संपूर्ण शक्ति इन्हीं चुनावों में खर्च हो जाएगी। परंतु यह तो सर्वथा कोई कारण नहीं है।