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- दिल का इलाज
हृदय रोग के इलाज की दिशा में एक बड़ी कामयाबी के संकेत स्वागतयोग्य हैं। वैज्ञानिकों ने पता लगाया है कि हृदय रोग के उपचार में उसी आनुवंशिक ट्रैकिंग तकनीक का उपयोग किया जा सकता है, जिसका उपयोग कुछकोविड-19 के टीके विकसित करने के लिए किया गया है। सहज शब्दों में कहें, तो इस चिकित्सकीय तकनीक के माध्यम हृदय घात या कार्डियक अरेस्ट से क्षतिग्रस्त हुए दिल को ठीक करने में मदद मिल सकती है। किंग्स कॉलेज लंदन के वैज्ञानिकों ने एमआरएनए का अध्ययन कर पता लगाया है कि आनुवंशिक कोड स्वस्थ हृदय कोशिकाओं को बनाने के लिए प्रोटीन उत्पन्न करते हैं। फाइजर और मोदेरना इत्यादि कोविड टीके इसी चिकित्सकीय तकनीक का उपयोग करके विकसित किए गए हैं। न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस अभूतपूर्व खोज से दिल के दौरे का इलाज हो सकेगा। प्रमुख शोधकर्ता प्रोफेसर मौरो गियाका के मुताबिक, 'हम सभी अपने दिल में मांसपेशियों की कोशिकाओं की एक निश्चित संख्या के साथ पैदा होते हैं और वे बिल्कुल वही हैं, जिनके साथ हम मरेंगे।' उन्होंने बताया कि दिल के दौरे के बाद दिल में खुद को ठीक करने की स्वत: क्षमता नहीं होती है। लेकिन अब एक ऐसे उपचार की खोज संभव है, जिसके तहत जीवित कोशिकाओं को बढ़ाने के लिए तैयार किया जा सकता है। दिल का दौरा दिल की मांसपेशियों पर कहर ढाता है, जिससे करीब 100 अरब कोशिकाएं मर जाती हैं। ऐसे में, जिन चंद जीवित कोशिकाओं की वजह से मरीज की जान बचती है, उन कोशिकाओं को ही अगर मजबूती व विस्तार मिले, तो इससे बेहतर और क्या हो सकता है?
क्रेडिट बाय हिन्दुस्तान