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इस ग्रह का नाम सुनकर हो जाएंगे हैरान...सौरमंडल का 'वैक्यूम क्लीनर'...

Neha Dani
12 Jun 2022 4:30 AM GMT
इस ग्रह का नाम सुनकर हो जाएंगे हैरान...सौरमंडल का वैक्यूम क्लीनर...
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जनता से रिश्ता वेबडेस्क| सौरमंडल में ग्रहों की दुनिया भी बड़ी अजीब है। उसे जितना भी समझने की कोशिश करिए, आप उतना ही उसमें उलझते जाएंगे। वैसे तो हर ग्रह अपनेआप में विशेष है, लेकिन इसमें बृहस्पति ग्रह थोड़ा अलग है, क्योंकि यह पूरा ग्रह गैसों का एक समूह है और भारत में इसे 'गुरु' के नाम से जाना जाता है। इस ग्रह के बारे में लोग प्राचीन काल से ही जानते हैं। अंग्रेजी में इसे 'जुपिटर' के नाम से जाना जाता है। दरअसल, रोमन सभ्यता के एक पौराणिक देवता का नाम 'जुपिटर' है। इस ग्रह की कई रोचक बातें हैं, जिसके बारे में बहुत कम ही लोगों को पता है। आइए जानते हैं उनके बारे में...

बृहस्पति ग्रह पर एक दिन मात्र नौ घंटा और 55 मिनट का ही होता है, जबकि पृथ्वी पर एक दिन 24 घंटे का होता है। शायद आपको यह बात पता न हो कि पृथ्वी के 11.9 साल में बृहस्पति ग्रह का मात्र एक साल होता है। यह बेहद ही हैरान करने वाली बात है।

बृहस्पति ग्रह पर कोई धरातल नहीं है। यह मुख्य रूप से हाइड्रोजन से बना हुआ है और हमेशा अमोनिया क्रिस्टल और संभवतः अमोनियम हाइड्रोसल्फाइड के बादलों से ढंका हुआ रहता है। इस ग्रह पर इंसानों का रहना नामुमकिन है।

इस ग्रह की सबसे रोचक और रहस्यमय चीज जो है, वो है 'द ग्रेट रेड स्पॉट'। दरअसल, ये एक तूफान है, जो लाल धब्बे की तरह दिखाई देता है। वैज्ञानिकों का मानना है कि इस ग्रह पर सैकड़ों सालों से एक तूफान लगातार चल रहा है और यह इतना बड़ा है कि उसमें आराम से पृथ्वी जैसे तीन ग्रह समा जाएं। फिलहाल वैज्ञानिकों के पास भी इस बात का जवाब नहीं है कि यह तूफान कैसे और क्यों चल रहा है।

बृहस्पति ग्रह को सौरमंडल का 'वैक्यूम क्लीनर' भी कहा जाता है। दरअसल, इसका अपना एक शक्तिशाली गुरुत्वाकर्षण बल है, जिसकी मदद से वह सौरमंडल में आने वाले बाहरी उल्कापिंडों को अपनी ओर खींच लेता है। अगर ऐसा नहीं होता तो शायद वो उल्कापिंड पृथ्वी या अन्य ग्रहों से भी टकरा जाते, जिससे भारी तबाही होती।






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