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उंगलियां फोड़ने से नुकसान
इंसान अपने रोज़मर्रा के जीवन में कई ऐसे काम करता है जिसकी कोई आवश्यकता नहीं होती. मगर उसे मिलने वाला संतोष और परम आनंद का अहसास कराता है. ऐसे ही सुखों में से एक है बैठे-बैठे हाथों की उंगलियों को फोड़ना. कई लोगों को इस दौरान हड्डियों की आवाज़ बहुत आनंद देती है इसलिए बिना किसी वजह के भी लोग ऐसा करते हैं.
Dr Karl Kruszelnicki ने अपने टिकटॉक अकाउंट पर एक वीडियो के ज़रिए ये दावा किया है कि उंगलियों को अक्सर फोड़ते रहने से शरीर के जोड़ों के बीच गैप आने शुरु हो जाते हैं जो आगे चलकर कई तरह की समस्या को जन्म दे सकते हैं. ऐसा करके लोग आगे आने वाली समस्या के लिए दरवाजे खोलने का काम करते हैं लिहाज़ा ऐसी आदतों से सावधान रहने की ज़रूरत है.
Arthritis नहीं लेकिन हो सकती है ये समस्या
दावा है कि हाथों को फोड़ते रहने से शरीर के करीब 75 फीसदी पकड़ ढीली पड़ने लगती है. जो चिंता की वजह है. कुछ समय पहले एक एक्सपर्ट ने इस मिथ को खारिज कर दिया था जिसमें कहा जाता था कि अंगुलियों को फोड़ते रहने से आर्थरायटिस यानि गठिया की समस्या होती है. वहीं Dr Karl Kruszelnicki का कहना है कि हां इससे गठिया तो नहीं होगा, मगर ये ढीली पड़ती पकड़ यानि बोन ग्रिप की प्रॉब्लम खड़ी कर सकती है. जिसे नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए.
जोड़ों में बनने लगती है सूजन
डॉक्टर के मुताबिक रोज़ाना तौर पर जो लोग अंगुलियों को चटकाते रहते हैं वो सामान्य के तुलना में 75 फीसदी ढिली पकड़ का शिकार बनते हैं. उनके द्वारा 300 लोगों पर एक सर्वे किया जो पिछले 35 साल से रेग्युलर हाथों की अंगुलियों को चटकाते रहे. उनकी जांच में Arthritis जैसी कोई बड़ी बीमारी तो नहीं थी मगर सामान्य लोगों की तुलना में उनके शरीर के ज्वाइंट्स में ज्यादा सूजन पाई गई. जो तुरंत भले ही नहीं मगर निकट भविष्य में ज़रूर जोड़ों की किसी बड़ी परेशानी को दावत दे सकते हैं. उन्होंने बताया कि जब हम अपने हाथों के पोर्स को फोड़ते हैं तो वास्तव में होता क्या है? दरअसल जोड़ को तोड़ने के लिए जब अपनी उंगली खींचते हैं, तो उससे ज्वाइंट्स और हड्डियों के बीच की जगह बड़ी होती जाती है. जो लिगामेंट्स (स्नायुतंत्र) को सोख लेता है जिससे गैस के बुलबुले पनपने लगते हैं. हालांकि कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जिन्हें समस्या नहीं होती है फिर भी सतर्क रहना ही बचाव है
Gulabi
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