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साइक्लोन ताउते के बाद एक और तूफान दस्तक देने वाला है
साइक्लोन ताउते के बाद एक और तूफान दस्तक देने वाला है. साइक्लोन यास अब धीरे-धीरे बंगाल की खाड़ी की तरफ बढ़ रहा है. बंगाल की पूर्वी मध्य खाड़ी और उससे सटे अंडमान सागर के ऊपर एक कम दबाव का क्षेत्र बन गया है. माना जा रहा है कि मंगलवार को तूफान पहुंच सकता है. इस तूफान की वजह से दिल्ली और आसपास के क्षेत्र में धूल का गुबार छाया हुआ था. फिलहाल मौसम थोड़ा अव्यवस्थित सा नजर आ रहा है.
क्या है यास का मतलब
इस साइक्लोन का नाम यास रखा गया है और यह नाम इसे ओमान की तरफ से दिया गया है. एक तय प्रक्रिया के आधार पर इसका नाम रखा गया है. आपको बता दें कि साइक्लोन का नाम क्षेत्र में मौजूद देशों के आधार पर क्रमबद्ध तरीके से तय किया जाता है. यास इस फारसी भाषा का शब्द है जिसका मतलब अंग्रेजी में जैस्मिन होता है. साइक्लोन यास की प्रभावशीलता को देखते हुए पश्चिम बंगाल, ओडिशा में नेशनल डिजास्टर रेस्पॉन्स फोर्स (NDRF) को उतार दिया गया है. तटीय इलाकों में लोगों को तूफान के खतरों से अवगत कराने के लिए लगातार अलर्ट जारीकिए जा रहे हैं. बंगाल में खासतौर पर मिदनापुर, सुंदरवन और आसपास के इलाकों में प्रशासन द्वारा स्थानीय नागरिकों से संपर्क साधा जा रहा है.
ओमान से आया तूफान
तूफान की वजह से हवाओं की रफ्तार इस समय 50 किलोमीटर प्रति घंटा है. इस तूफान का केंद्र पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता से करीब 750 किलोमीटर दूर बताया जा रहा है. बताया जा रहा है कि साइक्लोन यास ओमान की तरफ से आया है और 48 घंटों तक रहेगा. इस दौरान तूफान की स्थिति गंभीर होगी. इसका असर उत्तर-पश्चिम की तरफ से ओडिशा और पश्चिम बंगाल में खास तौर पर देखने को मिलेगा. अनुमान के मुताबिक 25 मई की देर रात या 26 मई की सुबह के समय इसकी वजह से भारी बारिश की आशंका है. पश्चिम बंगाल और ओडिशा दोनों ही राज्यों में तूफान की स्थिति से निबटने के लिए तैयारियां कर ली गई हैं.
अम्फान की तरह ही है यास!
इस तूफान को साल 2019 में आए तूफान अम्फान की तरह ही बताया जा रहा है. पिछले कुछ वर्षों में भारत को कई तूफानों का सामना करना पड़ा है. जो तूफान देश से टकराए हैं उनमें से फैनी, अम्फान और निसर्ग शामिल हैं. साइक्लोन यास की वजह से 26 मई को तेज बारिश की आशंका जताई गई है. पश्चिम बंगाल और ओडिशा पर इसका खासा असर देखने को मिल सकता है. कहा जा रहा है कि तूफान के समय हवाओं की रफ्तार 150 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंच सकती है. इसकी वजह से पश्चिम बंगाल और ओडिशा में बिजली की आपूर्ति ठप होने और सड़क मार्ग के अव्यवस्थित होने की उम्मीद है.
Gulabi
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