दुनिया की सबसे अनोखी मछली कटलफिश, जिसके खून का रंग है नीला, 3 दिल
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। आमतौर धरती पर जन्म लेने वाले किसी भी जीव या जंतु के खून का रंग लाल ही होता है, और सभी जीवों के भीतर एक ही दिल होता है, लेकिन ये दुनिया रहस्यों से भरी हुई है। दुनिया में ऐसी-ऐसी अनोखी चीजें हैं, जिनके बारे में कल्पना भी नहीं की जा सकती है। जब कोई इनके बारे में जानता है तो उसे बेहद हैरानी होती है। अगर आपसे कहा जाए कि किसी के खून का रंग नीला हो सकता है और उसके अंदर एक से ज्यादा दिल हो सकते हैं तो शायद आपकों इस बात पर यकीन नहीं होगा लेकिन ये बात सच है दुनिया में कुछ ऐसे अनोखे जीव होते हैं जिनके खून का रंग लाल नहीं होता है। ऐसी ही हैरान कर देने वाली एक मछली है, जिसका नाम है कटलफिश। इसे समुद्रफेनी भी कहते हैं। इस मछली के खून का रंग आमतौर पर लाल नहीं होता है। आपको बता दें कि इस इस मछली के खून का रंग नीला या हरा होता है। तो आइए जानते हैं कि क्यों होता है इस मछली के खून का रंग नीला या हरा।
क्यों होता है इसके खून का रंग नीला या हरा
दरअसल इसके खून का रंग नीला या हरा होने का कारण एक खास तरह का प्रोटीन है। इस प्रोटीन में कॉपर पाया जाता है। जिसकी वजह से कटलफिश के खून का रंग हरा और नीला पाया जाता है। इतना ही नहीं इस मछली में सबसे हैरानी की बात तो ये हैं कि इस मछली के शरीर के भीतर एक नहीं बल्कि तीन दिल होते हैं। जब इस पर कोई अन्य जीव हमला करता है तो ये एक धुआं जैसा छोड़ती है जो गहरे रंग का होता है। जिसकी वजह से दुश्मन की स्थिति अंधे होने के समान हो जाती है।
बदल लेती है अपना रंग
समुद्रीफेनी या कटलफिश को इसके खून का अलग रंग ही और जीवों से खास बनाता है। हरे और नीले रंग के खून वाली ये अनोखी मछली समुद्र की गहराई में पाई जाती है। सिर्फ इसके खून का रंग ही नहीं बल्कि ये मछली अपने शरीर के रंग को भी बदल सकती है। इसके रंग बदलने की खासियत की वजह से इसे समुद्र में देख पाना बेहद मुश्किल होता है। जिससे ये शिकारी को चकमा देने में सफल रहती है।
ऑक्टोपस की तरह होती हैं आठ भुजाएं
इस मछली के पास तीन दिल तो होते ही हैं साथ ही में इनके पास ऑक्टोपस की तरह आठ भुजाएं भी होती हैं। समुद्र के अंदर पाए जाने वाले बिना रीढ़ के जीवों में से ये सबसे बुद्धिमान प्राणियों में जानी जाती है। इनके शरीर का आकार ऐसा होता है कि ये आसानी से समुद्र की गहराईयों में जा सकती है। इस मछली की 120 प्रजातियां पाई जाती हैं।