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Woolly rhinoceroses : आइस एज’ में हो गए थे खत्म २टन होता था ऊनी गेंडो का वजन

Deepa Sahu
7 Jun 2024 11:27 AM GMT
Woolly rhinoceroses : आइस एज’ में हो गए थे खत्म २टन  होता था ऊनी गेंडो का वजन
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Woolly rhinoceroses: धरती पर मैमथ जैसे ही ऊनी जानवर और भी थे जिनमें ऊनी गैंडे भी गिने जाते हैं. इनके बारे में कम ही लोग जानते हैं. हाल ही में इनकी चर्चा हो रही है क्योंकि एक स्टडी में साइंटिस्ट ने दावा किया है कि इनके विलुप्त होने के पीछे की वजह पुरातन मानव का शिकार करना है.
पुराने बड़े खतरनाक जानवरों में लोग डायनासोर और मैमथ के बारे में ज्यादा रुचि रखते हैं. लेकिन कम लोग ऊनी गैंडे के बारे में जानते हैं. ये जानवर भी मैमथ की तरह हिमयुग के अंत में विलुप्त हो गए थे. हाल ही में हुए एक अध्ययन में वैज्ञानिकों ने इनके विलुप्त हो जाने के पीछे का कारण पता चलने का दावा किया है. एक वयस्क ऊनी गैंडा आमतौर पर सिर से पूंछ तक 3.2 से 3.6 मीटर मापा जाता है, कंधे पर 1.45-1.6 मीटर लंबा होता है, और इसका वजन 1.5-2 मीट्रिक टन तक होता है. हैरानी की बात यह है कि गैंडों की प्रजातियों में ये भले ही सबसे भारी ना हों. अपने आप में ये काफी भारी जानवर हुआ करता था
अन्य गैंडों की तुलना में, ऊनी गैंडे का सिर और शरीर लंबा और पैर छोटे होते थे. इसके कंधे को एक शक्तिशाली over the humpउठाया गया था, जिसका उपयोग जानवर के विशाल सामने के सींग को सहारा देने के लिए किया जाता था. लेकिन वैज्ञानिक मानते हैं कि इनकी उत्पत्ति पुरातन तिब्बत में हुई थी. करीब 35 लाख साल पहले ये तिब्बत में पैदा हुए थे. लेकिन बाद में ये यहां से यूरोप और साइबेरिया में जा कर फैल गए
कम लोग जानते हैं कि नर और मादा, दोनों ऊनी गैंडे के दो सींग होते हैं जो केराटिन से बने होते हैं, जिसमें एक लंबा सींग आगे की ओर और एक छोटा सींग आंखों के बीच में होता है. 25 से 35 वर्ष की आयु के ऊनी गैंडों के लिए सामने का सींग 1-1.35 मीटर लंबा, जबकि दूसरा सींग 47.5 सेंटीमीटर) तक लंबा हुआ करता था
ऊनी गैंडा गैंडे की एक विलुप्त प्रजाति है जो प्लेइस्टोसिन युग के दौरान उत्तरी यूरेशिया में निवास करती थी. ऊनी गैंडा लंबे, घने बालों से ढका हुआ था जो इसे बेहद ठंडे, कठोर स्टेपी टुण्ड्रा में जीवित रहने में मदद करता था. इसके कंधे तक एक बड़ा कूबड़ था और यह मुख्य रूप से स्टेपी में उगने वाले शाकाहारी पौधों को खाता था
ऊनी गैंडे के डीएनए के बारे में बहुत ही रोचक तरह से पता चला. वैज्ञानिकों को एक पुराने लकड़बग्घे के मल के जीवाश्म में इसका डीएनए मिला. उस दौर में लकड़बग्घे भारी संख्या में ऊनी गैंडों का शिकार किया करते थे और उन्हें खाया करते थे. यूरोपीाय ऊनी गैंडे के बारे में बहुत सारी जानकारी इसी के जरिए हासिल की गई थी
Scientistsने दावा किया है कि मानवीय शिकार के कारण लगभग 10,000 वर्ष पहले ऊनी गैंडे विलुप्त हो गए थे. एडिलेड विश्वविद्यालय और कोपेनहेगन विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने कंप्यूटर मॉडल, जीवाश्म और प्राचीन डीएनए का उपयोग करके, यूरेशिया में ऊनी गैंडों के 52,000 वर्षों के जनसंख्या इतिहास का पता लगाया, जिसे पहले संभव नहीं माना जाता था
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