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महिला ने मेहमानों को सिखाया शादी का शिष्टाचार, कही ये बातें

Gulabi Jagat
8 April 2022 7:50 AM GMT
महिला ने मेहमानों को सिखाया शादी का शिष्टाचार, कही ये बातें
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शादी में तमाम तैयारियां करनी होती हैं. कई महीने पहले से दुल्हा-दुल्हन और उनके परिवार वाले उन कामों को निपटाने में जुट जाता हैं
शादी में तमाम तैयारियां करनी होती हैं. कई महीने पहले से दुल्हा-दुल्हन और उनके परिवार वाले उन कामों को निपटाने में जुट जाता हैं. ऐसे में कुछ लोग ऐसे होते हैं जो मदद तो नहीं करते लेकिन अपने ऊटपटांग सवालों से होने वाले दुल्हा-दुल्हन को परेशान करने का काम ज़रूर करते है. सबसे अजीब बात को ये है कि उन्हें खुद अपनी खराब आदत का एहसास भी नहीं होता.
शादी किसी की भी ज़िंदगी का सबसे खास पल होता है. हर कपल उसे यादगार बनाने के लिए जी जान से जुटा होता है. काम इतना होता है कि दिन-रात भी कम पड़ जाते हैं. ऐसे में मेहमानों द्वारा पूछे जाने वाले ऐसे कई सवाल हैं जो इरिटेट कर देते हैं. लिहाज़ा इन आदतों से परेशान दुल्हन मॉर्गन कैस्पर ने सोशल मीडिया के ज़रिए ऐसे सवालों की लिस्ट और वजह साझा की जो मेहमानों को दुल्हन से कभी नहीं पूछने चाहिए. इसके लिए वो किसी और का सहारा भी ले सकते हैं.
ड्रेस कोड की कंफ्यूज़न के लिए गूगल करें, दुल्हन को कॉल नहीं
अक्सर लोग शादी का इनविटेशन देखते है उसकी तैयारी में जुट जाते हैं. सभी को अपने ड्रेसिंग और पार्टी की चिंता रहता है. मेहमानों के फेहरिश्त में हर कई सबसे अलग दिखना चाहता है. ऐसे में किसी तरह की कोई कंफ्यूज़न उनकी इमेज न बिगाड़ दे इसलिए गेस्ट ससे जुड़े सवाल के लिए ब्राइट और ग्रूम को कॉल कर—कर के परेशान कर डालते हैं. जैसे ड्रेस कोड क्या है. किस पार्टी में क्या पहनना है. इस ड्रेस या कल का क्या मतलब है. ऐसे तमाम सवालों से इरिटेट दुल्हन ने बताया कि परिवार के सदस्यों और गूगल की मदद भी ली जा सकती है, दुल्हा दुल्हन की व्यस्तता को और न बढ़ाए.
दुल्हा-दुल्हन को बार-बार कॉल कर न करें परेशान
शादी से एक दो हफ्ते पहले कॉल कर कुछ मेहमान पूछते हैं कि किसी मदद की ज़रूरत हो तो बताना या फिर मै आपकी क्या मदद कर सकता हूं? यकीनन ऐसे सवाल गुस्सा दिला जाते हैं. जिस वक्त तक सारी तैयारियां लगभग पूरी होने वाली होती हैं उस वक्त मदद की पेशकश करने वाले असल में औपचारिकता निभाने और मदद के दिखावे की कोशिश करते हैं. शादी की तैयारी में सच में कुछ मदद करनी हो तो कुछ महीने पहले पूछिए जब लोगों के हेल्प की ज़रूरत होती है. मॉर्गन की इन बातों से बहुत सारे लोग सहमत नज़र आ वहीं कुछ ऐसे भी थे जो मानते है कि ओवरड्रेस्ड होकर शर्मिंदा होने और भीड़ के बीच बेइज़्ज़ती कराने से बेहतर है कि बार-बार कॉल करके पूछा जाए.
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