अक्सर लोग फ्लाइट में अपने बच्चों के साथ यात्रा करते हैं. अगर बच्चे ज्यादा उम्र के हों तो उन्हें मैनेज करना आसान होता है लेकिन अगर वो काफी छोटे होते हैं तो फिर उन्हें संभालना मुश्किल हो जाता है. हवा में उड़ने के कारण बार-बार कान बंद हो जाना, या फिर टर्बुलेंस के कारण चीजें अस्त-व्यस्त होने से बच्चों को भी डर लग जाता है. ऐसे में उनका रोना और चीखना शुरू हो जाता है. माता-पिता को चिंता इसी बात की होती है कि उनके चिल्लाने (Woman travelling with toddler in flight) से दूसरे लोगों को भी समस्याएं हो जाती हैं.
ऐसा ही कुछ एक महिला को भी मेहसूस हुआ जो अपने बच्चे (woman in flight with baby) के साथ प्लेन में यात्रा कर रही थी. उससे जुड़ा एक पोस्ट लिंक्डइन पर वायरल हो रहा है. हर्ष कुमार नाम के एक शख्स ने हाल ही में एक फोटो शेयर की है जिसके साथ उन्होंने उससे जुड़ी कहानी भी बताई. इस वाकये के बारे में बताने से पहले ये बताना जरूरी है कि ये एक वायरल पोस्ट है, ऐसे में फोटो के साथ किए जा रहे दावों के सच होने की हम पुष्टि नहीं कर रहे हैं.
पोस्ट में बताया गया है कि कोरिया के सियोल (Seoul, Korea) से अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को (San Francisco, America) जा रही फ्लाइट में एक महिला अपने छोटे से बच्चे और मां के साथ यात्रा कर रही थी. 10 घंटे की इस लंबी उड़ान में वो जानती थी कि उसका 4 महीने का बच्चा रोएगा और चीख-चीखकर चिल्लाएगा. पहले से ही माफी मांगने के उद्देश्य से उसने 200 से ज्यादा यात्रियों को एक छोटा सा प्लास्टिक बैग (Woman distribute plastic bag with earplug to passengers) बांटा. इस बैग में टॉफी, च्युइंग गम और ईयर प्लग था जिसे बच्चे के रोने पर यात्री इस्तेमाल कर सकते थे.
उस प्लास्टिक बैग में एक लिखित संदेश भी था जिसे मां ने अपने बच्चे की तरफ से यात्रियों के लिए लिखा था. संदेश में लिखा था- "हेलो, मेरा नाम जैन वू है. मैं 4 महीने का हूं और आज अपनी मां और नानी के साथ अपनी मौसी के आउटफिट के लिए अमेरिका यात्रा कर रहा हूं. मैं थोड़ा डरा हुआ हूं और घबराया भी हूं. ये मेरी जिंदगी की पहली फ्लाइट है. ऐसी स्थिति में रोना और शोर मचाना मेरे लिए आम बात है. मैं शांत रहने की पूरी कोशिश करूंगा मगर मैं भरोसा नहीं दिला सकता. अगर मेरी आवाज ज्यादा तेज हो जाए तो बैग में दी गई चीजों का इस्तेमाल करिए. आपनी यात्रा का मजा उठाइए." इस पोस्ट पर कमेंट कर कई लोगों ने अपनी प्रतिक्रिया दी है और महिला की तारीफ की है. बहुत से लोगों ने तो ये भी कहा कि इन चीजों की जरूरत नहीं थी, अन्य यात्रियों की ये जिम्मेदारी थी कि वो उसको आराम मेहसूस करवाएं.