जरा हटके

जीन थैरेपी की मदद से 58 वर्षीय शख्स की आंखों की रोशनी वापस लौटी, रेटिनाइटिस पिगमेंटोसा नामक बीमारी से चली गई थी रोशनी

Bharti sahu
26 May 2021 4:48 PM GMT
जीन थैरेपी की मदद से 58 वर्षीय शख्स की आंखों की रोशनी वापस लौटी, रेटिनाइटिस पिगमेंटोसा नामक बीमारी से चली गई थी रोशनी
x
करीब 13 साल से पिट्सबर्ग यूनिवर्सिटी के आई एक्सपर्ट डॉ. जोस एलेन साहेल अपनी टीम के साथ यह दृष्टिहीनता का इलाज खोज रहे हैं

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। जीन थैरेपी की मदद से 40 साल बाद एक शख्स की आंखों की रोशनी वापस लौट आई है। 58 वर्षीय शख्स की एक आंख में आंशिक रोशनी लौटी है। फ्रांस के रहने वाले इस शख्स की करीब 40 साल पहले रेटिनाइटिस पिगमेंटोसा नाम की बीमारी के कारण रोशनी चली गई थी। इस बीमारी में आंखों की कोशिकाएं प्रकाश के प्रति संवेदनशील हो जाती हैं और धीरे-धीरे काम करना बंद कर देती हैं, नतीजा दिखना बंद हो जाता है।


13 साल दृष्टिहीनता का इलाज खोज रहे हैं
इलाज करने वाले पिट्सबर्ग यूनिवर्सिटी के आई एक्सपर्ट डॉ. जोस एलेन साहेल अपनी टीम के साथ 13 साल से दृष्टिहीनता का इलाज खोज रहे हैं। डॉ. साहेल कहते हैं, आंखों की रोशनी को लौटाने के लिए हमनें ऑप्टोजेनेटिक्स तकनीक का इस्तेमाल किया है। इस तकनीक की मदद से आंखों की रोशनी से जुड़े दिमाग की कार्यप्रणाली को समझा जाता है। इस तकनीक के जरिए रेटिना की जो कोशिकाएं प्रकाश पड़ने पर संवेदनशील हो जाती है उन पर खास तरह का प्रोटीन इस्तेमाल किया गया। जो सफल रहा।

पहली बार इंसान पर प्रयोग हुआ
नेचर जर्नल में पब्लिश रिसर्च के मुताबिक, इस तरह की जीन थैरेपी का प्रयोग बंदर पर करने के बाद पहली बार इंसान पर किया गया। प्रयोग के दौरान मरीज को खास तरह का चश्मा भी पहनाया गया। चश्मा पहनाने के बाद उसे महीने चीजें भी दिखाई गईं। करीब 7 माह तक यह चश्मा पहनने के बाद उसे जेब्रा कॉसिंग दिखने लगी।
अभी और रिसर्च की जरूरत
डॉ. साहेल का कहना है, इलाज का यह तरीका सार्वजनिक तौर पर लोगों के लिए उपलब्ध होने में 5 से 10 साल लग सकते हैं। इस तकनीक का असर कितना दिख सकता है, इसका पता लगाने के लिए अभी और रिसर्च किए जाने की जरूरत है। रिसर्च के मुताबिक, ब्रिटेन में हर 4 हजार लोगों में से एक इंसान रेटिनाइटिस पिगमेंटोसा से प्रभावित है।


Next Story