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विज्ञान जैसे-जैसे तरक्की कर रहा है, वैसे-वैसे हमें खुद के बारे में और हमारे आने वाले कल के बारे में नई चीजें पता चल रही
विज्ञान जैसे-जैसे तरक्की कर रहा है, वैसे-वैसे हमें खुद के बारे में और हमारे आने वाले कल के बारे में नई-नई चीजें पता चल रही हैं. हाल ही में एक ऐसी चौंकाने वाली भविष्यवाणी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिए की गई है जिसने सभी को दंग कर दिया है. इंडियाटाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार आने वाले 20 करोड़ साल (200 million years) में भरत, अफ्रीका (India will crash into africa) में मिल जाएगा. मगर ये मुमकिन कैसे होगा? चलिए आपको बताते हैं.
कैसे हुआ था महाद्वीपों का निर्माण
करीब 25 करोड़ साल पहले, जब धरती का निर्माण हो चुका था, तब धरती पर सिर्फ एक महाद्वीप (How were Continents Formed) था जिसका नाम पैंजिया (Pangaea) था. समय बीता और करीब 5 करोड़ साल बाद धरती के नीचे की टेकटॉनिक प्लेट (Techtonic Plates), वो विशाल चट्टानें जिसपर महाद्वीप बने हैं, खिसकने लगीं. इसके खिसकने से पैंजिया महाद्वीप टूटा और 2 नए महाद्वीपों का निर्माण हुआ. एक का नाम था गोंडवाना (Gondwana) और दूसरे का नाम था लौरेशिया (Laurasia). गोंडवाना में आज का अफ्रीका, साउथ अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, एंटार्कटिका और अपना भारत शामिल थे. धीरे-धीरे जब गोंडवाना महाद्वीपों की टेकटॉनिक प्लेट्स भी खिसकने लगीं और अफ्रीका के ईस्ट कोस्ट से टूट कर भारतीय उपमहाद्वीप एशिया से जा मिला. जब इन दोनों टेकटॉनिक प्लेट्स का टकराव हुआ तो दुनिया की सबसे बड़ी पर्वत श्रिंखला, हिमालय का निर्माण हुआ.
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिए हुई रिसर्च
टेकटॉनिक प्लेट्स का मूवमेंट आज भी जारी है और बिल्कुल इसी तरह वैज्ञानिकों ने अंदाजा लगाया है कि आने वाले 20 करोड़ साल में भारत, खासकर भारत का पश्चिमी छोर अफ्रीका (Indian Western Coastline will smash into Africa) के सोमालिया और मडागास्कर से टकरा जाएगा जो भारत के वेस्टर्स कोस्ट से भिड़ेगा. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के एक सिम्यूलेशन (Artificial Intelligence Simulation) के जरिए वैज्ञानिकों ने ये अंदाजा लगाया है अरब सागर अगले 20 करोड़ साल में सूख जाएगा और भारत का पश्चिची कोस्टलाइन सोमालिया के पर्वतों की जगह ले लेगा.
किसने की है रिसर्च?
इस रिसर्च के अनुसार सोमालिया की राजधानी मोगादीशू और मुंबई एक दूसरे के पड़ोसी हो जाएंगे. यही नहीं, पूर्वी तट पर कोलकाता और मॉरिशियस भी एक दूसरे के बेहद करीब आ जाएंगे. जिस श्रीलंका को हम आज जानते हैं वो भारतीय उपमहाद्वीप (Sri Lanka will crash in Indian sub continent) का हिस्सा बन जाएगा. आपको बता दें कि इस रिसर्च पेपर को अमेरिकन जर्नल ऑफ साइंस (American Journal of Science) में यूट्रेक्ट यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डोई वैन हिन्सबर्ग (Douwe van Hinsbergen) ने पब्लिश किया है. इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए उन्होंने कहा कि अफ्रीका के सोमालिया का हिस्सा भारत के पश्चिची तट से टकराएगा और इसके लड़ने से वो हिस्सा पहाड़ में तब्दील हो जाएगा.
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