पृथ्वी पर जहां एक दिन 24 घंटे का होता है तो वहीं बृहस्पति ग्रह पर एक दिन मात्र नौ घंटा और 55 मिनट का ही होता है। आपको जानकर हैरानी होगी कि पृथ्वी के 11.9 साल में बृहस्पति ग्रह का एक साल होता है।
बृहस्पति एक चौथाई हीलियम द्रव्यमान के साथ मुख्य रूप से हाइड्रोजन से बना हुआ है। यह सदा अमोनिया क्रिस्टल और संभवतः अमोनियम हाइड्रोसल्फाइड के बादलों से ढंका हुआ रहता है। इस ग्रह पर कोई धरातल नहीं है। ऐसे में यहां इंसानों का रहना लगभग असंभव है।
इस ग्रह का अपना शक्तिशाली गुरुत्वाकर्षण बल है और इसी वजह से इसे सौरमंडल का 'वैक्यूम क्लीनर' भी कहा जाता है। दरअसल, यह सौरमंडल में आने वाले बाहरी उल्कापिंडों को अपनी ओर खींच लेता है और उन्हें उनके हमले से बचाता है।
वैज्ञानिकों के मुताबिक, इस ग्रह पर करीब 355 साल से एक भयंकर तूफान चल रहा है, जिसे 'द ग्रेट रेड स्पॉट' कहा जाता है। दरअसल, यह तूफान एक लाल धब्बे की तरह दिखाई देता है। इस तूफान के बारे में कहा जाता है कि यह इतना बड़ा है कि इसमें पृथ्वी जैसे तीन ग्रह आराम से समा जाएं। हालांकि वैज्ञानिक इसपर लगातार नजर बनाए हुए हैं, लेकिन वो अब तक इस रहस्य का पता नहीं लगा पाए हैं कि यह तूफान आखिर सैकड़ों साल से लगातार कैसे चल रहा है।