गणित (Mathematics) का दायरा बहुत विशाल है. जो कई विषयों की विस्तृत श्रंखला को अपने साथ जोड़ता है. इसकी कई शाखाएं है. जिनमें अंकगणित, बीजगणित (Algebra), ज्यामिति और त्रिकोणमिति जैसी कई अहम हिस्से शामिल हैं. यहां बात एल्जेब्रा यानी बीजगणित की करें तो आपने अक्सर देखा होगा कि किसी अंजान अंक या वेरिएबल का पता लगाने के लिए उसे अंग्रेजी लेटर X मान लेते हैं. पर क्या आपको ये पता है कि आखिर गणित में X का इस्तेमाल करने के वजह क्या है.
कहां से हुई शुरुआत?
जानकारों के मुताबिक एल्जेब्रा का अविष्कार मिडिल ईस्ट के अरब में हुआ था. मुहम्मद अल ख्वारिजमी (Muhammad Al-Khwarizmi) ने अपनी 'किताब-अल-जब्र-वल-मुकाबला' (Kitab al-jabr wal-muqabala) लिखी थी. बाद में 'अल-जब्र' को 'एल्जेब्रा' कहा जाने लगा. जब इस्लाम के मानने वालों ने इस किताब का प्रचार-प्रसार यूरोप में किया तब स्पैनिश स्कॉलर अरबी भाषा के कई शब्द बोल ही नहीं पाए.
इस वजह से गणित में होने लगा X का इस्तेमाल
'टुडे आय फाउंड आउट' में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक स्पैनिश भाषा में अरबी साउंड श नहीं है जो शीन अक्षर का साउंड है. ऐसे में वो लोग इसे बोल ही नहीं पाते थे. अरबी में अंजान वेरिएबल को अल-शलन कहा जाता था. इस वजह से उन्होंने इस साउंड को ग्रीक के 'काय' (Chi) अक्षर में बदल दिया जो ग्रीक का 22वां अक्षर है और उसे X लिखते हैं. यानी इसे बोलते Chi हैं और लिखते X हैं. इसतरह गणित के गूढ़ सवालों का जवाब ढूंढने के लिए धीरे धीरे X शब्द को ही वेरिएबल माना जाने लगा.