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'गिल्ली-डंडा' और 'कांचा' खेलना आखिर क्यों सिखा रही ये यूनिवर्सिटी? जानें कारण

Tara Tandi
11 Jun 2021 1:35 PM GMT
गिल्ली-डंडा और कांचा खेलना आखिर क्यों सिखा रही ये यूनिवर्सिटी? जानें कारण
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Why is this university teaching to play 'Gilli-Danda' and 'Kancha'?

जनता से रिश्ता वेबडेस्क| किसी भी राशि पर शनि की साढ़ेसाती सात साल और ढैय्या ढाई साल तक रहती है। शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या की वजह से व्यक्ति का जीवन बुरी तरह से प्रभावित हो जाता है। ज्योतिष में शनि को पापी और क्रूर ग्रह कहा जाता है। इस समय मकर, कुंभ और धनु राशि पर शनि की साढ़ेसाती और मिथुन, तुला राशि पर शनि की ढैय्या चल रही है। इस साल यानी 2021 में शनि का राशि परिवर्तन नहीं होगा, जिस वजह से इन राशियों पर शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या का प्रभाव बना रहेगा। अगले साल 29 अप्रैल, 2022 को शनि का राशि परिवर्तन होगा। इस दिन शनि कुंभ राशि में प्रवेश कर जाएंगे। शनि के राशि परिवर्तन से कुछ राशियों पर शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या शुरू हो जाएगी और कुछ राशियों से खत्म हो जाएगी।

यूनिवर्सिटी में खिलाया जाएगा पारंपरिक खेल
विश्वविद्यालय के अनुसार, राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के तहत पारंपरिक खेलों को पुनर्जीवित किया जा रहा है. वर्तमान में, शारीरिक शिक्षा के छात्रों को वॉलीबॉल, कुश्ती, तैराकी, क्रिकेट और बास्केटबॉल जैसे 25 खेलों से जुड़े विषय पढ़ाए जाते है.
बचपन के खेल को देंगे बढ़ावा
सीसीएसयू में शारीरिक शिक्षा विभाग में सहायक प्रोफेसर के.के. पांडे ने कहा, 'यह उन खेलों को मान्यता प्रदान करेगा जिन्हें हम सभी ने बचपन में खेला है. लेकिन अब वे सभी खेल खो रहे हैं. स्कूली बच्चों को ऐसे खेलों में प्रशिक्षित करने के लिए सुसज्जित होना चाहिए.' उन्होंने आगे कहा कि खेल आपको ताकत बढ़ाने में भी मदद करते हैं.
पेड़ पर चढ़ने का भी खेल सिखाएगी यूनिवर्सिटी
उन्होंने कहा, 'पाठ्यक्रम में पढ़ाए जाने वाले खेलों में से एक को 'काई डंडा' कहा जाता है, जो आमतौर पर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में खेला जाता है. मध्य प्रदेश में इसे 'आम डाली' के रूप में जाना जाता है. यह बच्चों को आम के पेड़ पर चढ़ने के लिए प्रेरित करता है. यह खेल न केवल एक बच्चे में मांसपेशियों को मजबूत करता है बल्कि उन्हें ध्यान केंद्रित करने में भी मदद करता है. हमें उम्मीद है कि सीसीएसयू में इन खेलों की शुरूआत उनके पुनरुत्थान में एक लंबा सफर तय करेगी.'


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