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क्यों ले रही हैं खतरनाक हथियार की ट्रेनिंग?
जिस उम्र में ज्यादातर बुजुर्ग अपने घुटनों और नसों की समस्याएं लेकर क्लीनिक में अपनी बारी का इंतज़ार कर रहे होते हैं, उस उम्र में यूक्रेन की रहने वाली एक महिला हाथों AK-47 जैसा खतरनाक हथियार थामने की ट्रेनिंग ले रही है. महिला का नाम है वैलेंत्या कोंसतांत्नोवोस्का (Valentyna Konstantynovska), जिनकी हाथ में हथियार थामे तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है.
पूर्वी यूक्रेन के मैरिपोल नाम की जगह पर यूक्रेन की सेना की ओर से चलाए जा रहे सिविलियन कॉम्बैट ट्रेनिंग का हिस्सा बनने वालीं 79 साल की वैलेंत्या कोंसतांत्नोवोस्का (Valentyna Konstantynovska) इस वक्त सुर्खियों में है. वे सैनिकों से असॉल्ट राइफल के बारे में जानकारी लेते हुए तस्वीरों में कैद हुई हैं. उन्होंने स्थानीय मीडिया से ये भी कहा कि वे अब किसी भी परिस्थिति में गोली चलाने के लिए तैयार हो चुकी हैं.
क्यों ले रही हैं खतरनाक हथियार की ट्रेनिंग?
वैलेंत्या कोंसतांत्नोवोस्का (Valentyna Konstantynovska) को ये ट्रेनिंग स्पेशल फोर्सेज़ यूनिट अज़ोव की तरफ से दी जा रही है. Mirror की रिपोर्ट के मुताबिक इस यूनिट की ओर से यूक्रेन के आम नागरिकों को युद्धाभ्यास कराया जा रहा है. ऐसा कराने के पीछे वजह रूस के ओर से संभावित हमला है. इसी सिलसिले में 79 साल की बुजुर्ग वैलेंत्या भी कॉम्बैट का हिस्सा बन रही हैं. उन्होंने बताया कि उनके शरीर के हिसाब से ये हथियार काफी भारी है, फिर भी वे आपातकाल में अपने शहर की रक्षा के लिए इसे उठाने में गुरेज नहीं करेंगी.
मीडिया में छाई हैं शूटर दादी
देखने में वैलेंत्या कोंसतांत्नोवोस्का (Valentyna Konstantynovska) आम बुजुर्गों की तरह ही हैं लेकिन उनका दिल कहीं ज्यादा साहस से भरा हुआ है. इस वक्त यूक्रेन और पश्चिमी मीडिया में उनकी तस्वीरें छाई हुई हैं. ज्यादातर लोग यूक्रेन में उन्हें अपना हीरो मान रहे हैं. सोशल मीडिया पर भी लोग उनके बारे में बात करते हुए वैलेंत्या को यूक्रेन का असल उदाहरण बता रहे हैं. उनके पड़ोसी उनकी बहादुरी पर गर्व महसूस करते हैं. वैलेंत्या की ही तरह 52 साल की मैरियाना ज़ाग्लो भी अपने देश की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं और चाहती हैं कि उनके बच्चे एक बेहतर भविष्य पा सकें.
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