धर्म-अध्यात्म

केले के वृक्ष का पूजन, बृहस्पतिवार को क्यों किया जाता है

HARRY
16 May 2023 4:17 PM GMT
केले के वृक्ष का पूजन, बृहस्पतिवार को क्यों किया जाता है
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जानिए पूजाविधि और नियम

जनता से रिश्ता वेब्डेस्क | धार्मिक मान्यता के अनुसार केले के पेड़ में बृहस्पतिदेव का निवास होता है। यदि इस दिन केले के पेड़ का पूजन किया जाए तो देवताओं के गुरु बृहस्पति देव एवं भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और हर मनोकामना को पूरा करते हैं।

हिंदू धर्म में प्रत्येक दिन का बहुत महत्व माना गया है। हर दिन एक विशिष्ट देवी देवता का पूजन किया जाता है जिसके द्वारा जीवन में शुभता और शांति का वास बना रहता है। बृहस्पतिवार का दिन भगवान श्रीविष्णु एवं बृहस्पतिदेव को समर्पित है। इस दिन भगवान विष्णु की विशेष पूजा अर्चना की जाती है और इनकी पूजा के बाद केले के पेड़ की पूजा का भी विधान है। धार्मिक मान्यता के अनुसार केले के पेड़ में बृहस्पतिदेव का निवास होता है। यदि इस दिन केले के पेड़ का पूजन किया जाए तो देवताओं के गुरु बृहस्पति देव एवं भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और हर मनोकामना को पूरा करते हैं। गु

रुवार को बृहस्पति देव की पूजा करने से धन, विद्या, मान-सम्मान, प्रतिष्ठा और कई अन्य मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। जिन कन्याओं की शादी में विलंब हो रहा हो वे यदि गुरुवार का व्रत रखकर केले के पेड़ का विधिवत पूजन करें तो शीघ्र ही शादी के योग बनते हैं और उत्तम जीवन साथी मिलता है।

इस दिन सुबह सवेरे उठकर स्नान आदि से निवृत्त पीले रंग के वस्त्र धारण करें। इसके बाद ईशान कोण में भगवान विष्णु की पूजा करें और फिर केले के वृक्ष की पूजा करनी चाहिए। केले के वृक्ष पर हल्दी की गांठ, चने की दाल और गुड़,अक्षत और पुष्प अर्पित करें। अब घी का दीपक जलाकर आरती करके उसे केले की जड़ के पास रख दें। बृहस्पतिवार की कथा पढ़ने के बाद वृक्ष की परिक्रमा करें और अपनी मनोकामना पूर्ती के लिए भगवान विष्णु से प्रार्थना करें। ध्यान रहे कि अगर केले का वृक्ष घर में ही लगा रखा है तो उसकी पूजा नहीं करनी चाहिए। घर से बाहर या मंदिर में वृक्ष लगा है तो वहां पूजन करना उत्तम रहता है।

ज्योतिष मान्यता है कि गुरुवार के दिन महिलाओं को अपने बाल नहीं धोना चाहिए। इससे कुंडली में गुरु ग्रह की स्थिति कमजोर हो जाती है। इसके साथ ही वैवाहिक जीवन, संतान सुख पर बुरा असर पड़ता है।

इस दिन सिर, दाढ़ी आदि के बाल नहीं कटवाने चाहिए। क्योंकि इससे संतान सुख में कई तरह की समस्याएं उत्पन्न होती है।

बृहस्पतिवार के दिन हाथ-पैर के नाखून भी नहीं काटने चाहिए। इससे सेहत पर बुरा असर पड़ने के साथ गुरु ग्रह की स्थिति कमजोर होती है।

गुरुवार के दिन दक्षिण, पूर्व, नैऋत्य कोण की ओर पूजा करने से बचना चाहिए। खासकर दक्षिण दिशा की ओर क्योंकि इस दिशा में दिशाशूल रहता है।

गुरुवार के दिन केले का सेवन नहीं करना चाहिए। बल्कि केले के पौधे की विधिवत पूजा करने के विधान है।

गुरुवार के दिन कपड़े धोना, पोछा लगाने से बचना चाहिए। क्योंकि इससे कुंडली में गुरु की स्थिति पर बुरा असर पड़ता है और मां लक्ष्मी की अप्रसन्न होती है।

इस दिन नीले और काले वस्त्र पहनना भी शुभ नहीं माना गया है।

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