जरा हटके
हवा, धूप और पानी लगने के बाद भी रेलवे ट्रैक पर क्यों नहीं लगती है जंग
Ritisha Jaiswal
27 Oct 2021 9:23 AM GMT
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अक्सर आपने देखा होगा कि घर में मौजूद लोहे के सामानों में जंग लग जाती है। रेलवे ट्रैक भी लोहे के बने होते हैं
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | अक्सर आपने देखा होगा कि घर में मौजूद लोहे के सामानों में जंग लग जाती है। रेलवे ट्रैक भी लोहे के बने होते हैं और ये ट्रैक भारी वजन के साथ-साथ बारिश, धूप और कई प्राकृतिक आपदाओं का सामना करते हैं, लेकिन क्या कभी आपके दिमाग ये सवाल आया है कि इतनी हवा, धूप और पानी लगने के बाद भी इनमें जंग क्यों नहीं लगती है। तो चलिए आज जानते हैं आखिर क्यों रेल की पटरी में जंग नहीं लगती है...
रेल की पटरियों पर जंग क्यों नहीं लगती, ये जानने के लिए सबस पहले ये जानना जरूरी है कि लोहे पर जंग क्यों और कैसे लगती है। लोहा एक मजबूत धातु होता है, लेकिन जब उस पर जंग लगती है तो वह किसी काम का नहीं होता। लोहा या लोहे से बना सामान ऑक्सीजन और नमी के संपर्क में आता है तो इनके साथ क्रिया करके कुछ अनचाहा कम्पाउंड बना लेता है और धीरे-धीरे खराब होने लगता है। साथ ही इसका रंग भी बदल जाता है। इसे लोहे पर जंग लगना कहते हैं।
अब सवाल ये है कि रेल की पटरियों पर जंग क्यों नहीं लगती? बहुत से लोग सोचते होंगे कि ट्रैक पर पहियों के घर्षण बल के कारण जंग नहीं लगती है, लेकिन ऐसा नहीं है। रेल की पटरी बनाने के लिये एक खास किस्म की स्टील का उपयोग किया जाता है। स्टील और मेंगलॉय को मिला कर ट्रेन की पटरियों को तैयार किया जाता है। स्टील और मेंगलॉय के इस मिश्रण को मैंगनीज स्टील कहा जाता है। इस वजह से ऑक्सीकरण नहीं होता है और कई सालों तक इसमें जंग नहीं लगती है।
ट्रैक अगर आम लोहे से बने तो क्या होगा
रेल की पटरियों को अगर आम लोहे से बनाया जाएगा तो हवा की नमी के कारण उसमें जंग लग सकती है। इसकी वजह से पटरियों को जल्दी-जल्दी बदलना पड़ेगा और साथ ही इससे रेल दुर्घटनाएं होने का खतरा भी बना रहेगा। इसलिए रेलवे इन पटरियों के निर्माण में खास तरह के मैटेरियल का इस्तेमाल करता है।
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Ritisha Jaiswal
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