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पानी में ज्यादा देर तक हाथ-पैर रखने से त्वचा क्यों सिकुड़ जाती है, जाने

Shiddhant Shriwas
9 July 2021 7:01 AM GMT
पानी में ज्यादा देर तक हाथ-पैर रखने से त्वचा क्यों सिकुड़ जाती है, जाने
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उत्तर भारत में उमस भरी गर्मी से लोग काफी परेशान हैं। पिछले कुछ दिनों से उच्च तापमान और वातावरण में मौजूद अधिक नमी के कारण लोगों का जीना ही दूभर हो गया है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। उत्तर भारत में उमस भरी गर्मी से लोग काफी परेशान हैं। पिछले कुछ दिनों से उच्च तापमान और वातावरण में मौजूद अधिक नमी के कारण लोगों का जीना ही दूभर हो गया है। ऐसे में लोग गर्मी से राहत पाने के लिए पहाड़ों की तरफ जा रहे हैं, ताकि ठंडे मौसम में सुकून भरे कुछ पल बिताए जा सकें। वहीं कई लोग गर्मी से राहत पाने के लिए काफी देर तक नहा भी रहे हैं। ये बात तो हम सभी जानते हैं कि पानी में ज्यादा देर तक रहने से हाथ-पैर की त्वचा सिकुड़ जाती है। लेकिन क्या आपने कभी ये सोचा है कि ऐसा क्यों होता है?

आपको बता दें कि हमारे हाथ-पैर की त्वचा बाकी हिस्सों की त्वचा की अपेक्षा काफी मोटी होती है। पानी में ज्यादा देर तक रहने से त्वचा में आने वाली सिकुड़न भी कुछ ही समय के लिए होती है और ये अपने से ही ठीक हो जाती है। दरअसल, ये प्रक्रिया पूरी तरह से प्राकृतिक है और इसका कोई बुरा प्रभाव नहीं होता है।

news-medical.net की एक रिपोर्ट के मुताबिक, हमारी त्वचा की सबसे ऊपरी परत पर सीबम नामक एक तेल होता है। यह तेल हमारी त्वचा को सुरक्षा देने के साथ ही नमी और चिकनाई भी प्रदान कराता है। साधारण भाषा में सीबम तेल को इस तरह से भी समझा जा सकता है कि ये त्वचा पर रेनकोट की तरह काम करता है। इस तेल की वजह से ही जब हम सूखे हाथों को धोते हैं, तो पानी आसानी से फिसल जाता है।

पानी में ज्यादा देर तक रहने से हमारी त्वचा पर मौजूद सीबम तेल धूल जाता है। इस वजह से पानी हमारी त्वचा के भीतर प्रवेश करने लगता है और त्वचा सिकुड़ने लगती है। हालांकि, जैसे ही हमारी त्वचा की ऊपरी परत में घुसा पानी वाष्पीकृत हो जाता है, वैसे ही हमारे हाथ-पैर की त्वचा पहले की तरह सामान्य हो जाती है।

पानी में ज्यादा देर तक रहने से त्वचा में होने वाली सिकुड़न का एक कारण ये भी है कि हमारा शरीर खुद को वातावरण के मुताबिक ढाल लेता है। आपको बता दें कि पानी की वजह से त्वचा के सिकुड़ने से किसी गीली वस्तु पर हमारी पकड़ काफी मजबूत हो जाती है, जबकि हाथों से गीली चीज को अच्छी तरह से नहीं पकड़ सकते हैं। पैरों की सिकुड़ी हुई त्वचा की मदद से हम स्विमिंग पूल या किसी भीगी साथ पर अच्छी तरह से चल सकते हैं। वहीं, अगर आरा पैर सूखा हो तो गीली सतह पर चलना मुश्किल हो जाता है और हम फिसल जाते हैं।

इसके साथ ही हाथ और पैर की त्वचा सिकुड़ने के पीछे एक वजह और भी होती है। दरअसल, हमारी त्वचा केराटिन से बनी होती है और हाथ-पैर की त्वचा पर ये केराटिन बहुत प्रभावशाली होता है। लिहाजा, ज्यादा देर तक पानी के संपर्क में रहने से हाथ-पैर की त्वचा पानी सोखने लगती है और सिकुड़ जाती है। पानी की वजह से त्वचा सिकुड़ने की प्रक्रिया को एक्वाटिक रिंकल्स (Aquatic Wrinkles) कहा जाता है।

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