जरा हटके

चबा-चबा कर खाने के बाद भी गोटा ही बाहर क्यों निकलता है भुट्टे का दाना

Manish Sahu
5 Oct 2023 11:08 AM GMT
चबा-चबा कर खाने के बाद भी गोटा ही बाहर क्यों निकलता है भुट्टे का दाना
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जरा हटके: इन दिनों भारत में ज्यादातर इलाकों में बारिश हो रही है. मानसून लौट रहा है और अब बहुत जल्द ठंड का मौसम शुरू हो जाएगा. लौटते हुए मानसून में पड़ रही बारिश की फुहारों में पकौड़ी, गर्मागर्म चाय के अलावा जो एक चीज लोगों को बेहद पसंद आती है, वो है मक्कई. मक्कई यानी भुट्टा. भारत में इसे अलग-अलग जगहों पर अलग नाम से जाना जाता है. जैसे इसके कई नाम हैं, वैसे ही इसे खाने के भी अलग-अलग तरीके हैं. कुछ इसे आग में सेंक कर खाना पसंद करते हैं तो कुछ इसे उबाल कर खाते हैं.
भारत में लोग इसे भट्टी में पकाकर खाना ज्यादा पसंद करते हैं. वहीं विदेशों में इसे स्वीटकॉर्न के नाम से मसालों के साथ बेचा जाता है. अब तो मक्कई के दानों को प्रिजर्व कर साल भर खाया जा सकता है. भले ही इसे खाने के तरीके अलग हों लेकिन एक बात तो हर कहीं पर कॉमन है वो है मक्कई के दानों का गोटा ही पेट से बाहर निकलना. जी हां, आपने कई बार ये नोटिस किया होगा कि जब आप मक्कई खाते हैं तो अगली सुबह पॉटी से उसके दाने साबूत बाहर आते हैं. आखिर क्यों?
चबाकर खाने के बाद भी होता है ऐसा
जब आपकी पॉटी से ये दाने पूरे के पूरे बाहर निकलते हैं, तो आपको लगता होगा कि शायद किसी दाने को आपने बिना चबाए निगल लिया होगा. लेकिन ऐसा नहीं होता. इसके पीछे साइंस है. अगर आपने मक्कई के दानों को अच्छे से चबाया है और फिर निगला है तब भी ये आपकी पॉटी से साबूत बाहर आ जाते हैं. हालांकि, ऐसा हर दाने के साथ नहीं होता फिर भी एक पूरी मक्कई खाने के बाद कई ऐसे दाने होते हैं तो पॉटी के जरिये बॉडी से साबूत बाहर आते हैं.
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