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सूरजमुखी फूल का मुंह सूर्य की दिशा में क्यों होता है? इसके पीछे की रहस्य

Shiddhant Shriwas
6 Sep 2021 2:01 AM GMT
सूरजमुखी फूल का मुंह सूर्य की दिशा में क्यों होता है? इसके पीछे की रहस्य
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हम में से कई लोगों के भीतर ये सवाल कभी न कभी तो जरूर उठा होगा कि आखिर सूरजमुखी के फूल सूर्य की दिशा में क्यों मुंह किए होते हैं?

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हम में से कई लोगों के भीतर ये सवाल कभी न कभी तो जरूर उठा होगा कि आखिर सूरजमुखी के फूल सूर्य की दिशा में क्यों मुंह किए होते हैं? इसके पीछे का कारण क्या है? इसी कड़ी में आज हम जानेंगे कि सूरजमुखी के फूल सूर्य की दिशा में क्यों गति करते हैं? आपको बता दें कि सूरजमुखी का फूल ठंड के मुकाबले गर्मियों में ज्यादा सक्रिय रहता है। इन फूलों का विकास उन क्षेत्रों में ज्यादा होता है, जहां पर धूप 6 घंटों से ज्यादा निकलती है। ज्यादा गर्म और तपा देने वाली गर्मी में सूरजमुखी के फूल काफी तेजी से विकसित होते हैं। सुबह सुबह जब सूर्य पूर्व दिशा से उगता है, तो इस फूल के मुंह की दिशा भी पूर्व में होती है। धीरे-धीरे सूर्य की दिशा के साथ साथ इनकी भी दिशा बदलती रहती है। सूरजमुखी के नए फूल पुराने फूलों की अपेक्षा सूर्य की दिशा में ज्यादा मुखातिब होते हैं।

हमारा सवाल था कि आखिर सूरजमुखी के फूल सूर्य की दिशा की तरफ ही क्यों गति करते हैं? इस सवाल के जवाब में वैज्ञानिकों का कहना है कि ऐसा हेलिओ ट्रॉपिज्म के कारण होता है। इसी प्रक्रिया के तहत सूरजमुखी के फूल सूर्य की दिशा में मुंह किए होते हैं। सूर्य की दिशा के साथ-साथ शाम के वक्त इनके फूलों की दिशा पश्चिम में हो जाती है।

हालांकि रात में ये अपनी दिशा फिर से बदलकर पूर्व की तरफ कर लेते हैं और अगले दिन सूर्य के उगने का इंतजार करते हैं। ये प्रक्रिया नियमित चलती है। अब सवाल उठता है कि आखिर हेलिओ ट्रॉपिज्म क्या होता? जिसके चलते सूरजमुखी के फूल सूर्य की दिशा की तरफ गति करते हैं।

साल 2016 में हुए एक रिसर्च में इस बात का पता चला कि जिस तरह इंसानों के भीतर एक बायोलॉजिकल क्लॉक होता है। ठीक उसी तरह सूरजमुखी के फूलों में भी एक खास तरह की व्यवस्था होती है, जिसे हेलिओ ट्रॉपिज्म के नाम से जाना जाता है। इसे सूरजमुखी की जैविक घड़ी भी कहा जाता है। ये सूर्य की किरणों को डिटेक्ट करके फूल को उस तरफ मोड़ने के लिए प्रेरित करती है, जिस तरफ सूर्य है।

इस रिसर्च में इस बात का भी पता लगा कि ये फूल रात में आराम करते हैं और दिन में सूर्य की रोशनी पाते ही एक्टिव हो जाते हैं। सूर्य की रोशनी जैसे-जैसे तेज होती है ठीक उसी तरह सूरजमुखी के फूलों की सक्रियता भी बढ़ती है। हेलिओ ट्रॉपिज्म ही वह प्रक्रिया है, जिसके चलते सूरजमुखी के फूल का मुंह सूर्य की दिशा में होता है।

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