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लॉन्ग कोविड का खतरा है या नहीं, ऐसे पता चलेगा

HARRY
16 Aug 2022 1:15 PM GMT
लॉन्ग कोविड का खतरा है या नहीं, ऐसे पता चलेगा
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नई दिल्ली: कई मरीजों में कोविड से जूझने के बाद इसका असर लम्बे समय तक दिखता है, जिसे लॉन्ग कोविड के रूप में जाना जाता है. किस मरीज में लॉन्ग कोविड का असर दिखेगा और किसमें नहीं यह शुरुआती दौर में नहीं बताया जा सकता, लेकिन नई रिसर्च में ऐसी बात भी सामने आई है जिससे बताया जा सकेगा कि लॉन्ग कोविड कब और क्यों बढ़ता है.

अमेरिकी स्वास्थ्य एजेंसी CDC की रिपोर्ट कहती है कि 8 फीसदी अमेरिकी कोरोना के संक्रमण के बाद किसी न किसी लॉन्ग कोविड के असर से जूझते हैं.
लॉन्ग कोविड का खतरा है या नहीं, ऐसे पता चलेगा
रिसर्च करने वाली येल यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं का कहना है, लॉन्ग कोविड की गुत्थी को स्ट्रेस हॉर्मोन से समझा जा सकता है. शोधकर्ताओं का कहना है, कोविड से रिकवरी के बाद मरीज में सामान्य स्वस्थ इंसान के मुकाबले 50 फीसदी तक ज्यादा स्ट्रेस हॉर्मोन कॉर्टिसोल शरीर में रिलीज होता है तो लॉन्ग कोविड होने का रिस्क ज्यादा रहता है.डेलीमेल की रिपोर्ट कहती है, अब तक यह बताना मुश्किल रहा है कि मरीज पर लॉन्ग कोविड से जूझेगा या नहीं, लेकिन रिसर्च के नतीजे यह पता लगाने में मदद करते हैं.
215 लोगों पर हुई रिसर्च
शोधकर्ताओं ने लॉन्ग कोविड के रिस्क को समझने के लिए 215 लोगों पर रिसर्च की. इनमें 99 मामले लॉन्ग कोविड के थे. 44 ऐसे थे जिनमें कोविड के लक्षण नहीं देखे गए थे. वहीं 76 ऐसे थे जो कोविड से रिकवर हो चुके थे, लेकिन उनमें लॉन्ग टर्म कॉम्प्लिकेशंस नहीं दिख रहे थे. लॉन्ग कोविड से जूझने वाले मरीजों में सबसे कॉमन लक्षण था- थकान और नर्वस सिस्टम से जुड़ी दिक्कतें.
ऐसे हुई जांच
मरीज के शरीर में ऐसा क्या बदलाव हो रहा है जो लॉन्ग कोविड के लिए जिम्मेदार हो सकता है, इसे जानने के लिए शोधकर्ताओं ने मरीजों के ब्लड सैम्पल लिए और इनकी जांच की. जांच में सामने आया कि इनमें कॉर्टिसोल हाॅर्मोन का लेवल बढ़ा हुआ था.
कॉर्टिसोल को स्ट्रेस हाॅर्मोन के नाम से भी जाना जाता है, यह हॉर्मोन एड्रिनल ग्लैंड रिलीज करती है. जब यह हॉर्मोन ब्लड में मिलना शुरू होता है तो सीधा असर दिमाग पर तनाव के रूप में दिखता है. इसी को लॉन्ग कोविड से जोड़ा गया क्योंकि ऐसे ज्यादातर मामलों में नर्वेस सिस्टम से जुड़े लक्षण नजर आते हैं. जैसे- नींद न आना, सिर भारी और थकान महसूस होना.
हर 8 में से 1 कोविड संक्रमित लॉन्ग कोविड का शिकार
द लैंसेट जर्नल में पब्लिश रिसर्च कहती है, कोविड से संक्रमित हुए हर 8 में से एक व्यक्ति को इस वायरस के रिकवर होने के कई महीनों बाद तक भी लॉन्ग कोविड का कम से कम एक लक्षण शरीर में जरूर मिला है. यह स्टडी नीदरलैंड में 76,400 से अधिक वयस्कों पर 2020 मार्च से 2021 अगस्त के बीच की गई. इन वयस्को को 23 सामान्य कोविड लक्षणों को लेकर एक ऑनलाइन प्रश्नावली भरने के लिए कहा गया था. इनमें से 4,200 से अधिक यानी, 5.5 प्रतिशत ने कोविड से संक्रमित होने की जानकारी दी. इनमें से 21 प्रतिशत से अधिक में संक्रमित होने के तीन से पांच महीने के बाद भी कोविड का कम से कम एक नया लक्षण मिला था. जिन लोगों को कोविड था उनमें से 12.7 प्रतिशत, यानी, आठ में से लगभग एक व्यक्ति में कोविड का एक न एक लक्षण जरूर मिला है.
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