धर्म-अध्यात्म

विश्वकर्मा जयंती, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा का महत्व

Manish Sahu
14 Sep 2023 4:29 PM GMT
विश्वकर्मा जयंती, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा का महत्व
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धर्म अध्यात्म: सनातन धर्म में भगवान विश्वकर्मा को सृष्टि के सृजनकर्ता और देवताओं के शिल्पकार माना जाता है. मान्यता है कि भगवान विश्वकर्मा की विधि विधान से पूजा पाठ करने से भगवान विश्वकर्मा प्रसन्न होते हैं और कारोबार दोगुनी तेजी से अच्छा चलता है. भगवान विश्वकर्मा को भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है इसीलिए उनकी पूजा से मां लक्ष्मी कृपा बनी रहती है.
आचार्य पंडित अरुणेश मिश्रा ने बताया कि भगवान विश्वकर्मा को सृष्टि का सृजन करता और देवताओं का शिल्पकार माना जाता है. शास्त्रों में बताया गया है कि भगवान विश्वकर्मा ने लंका महल, भगवान शिव का त्रिशूल, इंद्रप्रस्थ, हस्तिनापुर, द्वारिका के साथ-साथ देवी देवताओं के अस्त्र-शास्त्र बनाए थे लिहाजा भगवान विश्वकर्मा को दुनिया का पहला शिल्पकार, इंजीनियर और वास्तुकार कहा जाता है.

सृष्टि के पहले पहले शिल्पकार और सृष्टि के सृजनकर्ता भगवान विश्वकर्मा भगवान भोलेनाथ का त्रिशूल, द्वारिका, लंका महल के साथ-साथ समस्त देवी देवताओं अस्त्र-शस्त्र और भवनों का निर्माण किया था. भगवान विश्वकर्मा की पूजा का सनातन धर्म के शास्त्रों में विशेष महत्व बताया गया है. इस दिन विधि विधान से पूजा पाठ करने से कारोबार में वृद्धि होती है, और मां लक्ष्मी की विशेष कृपा भी बनी रहती है.

भगवान विश्वकर्मा भगवान विष्णु के ही रूप है इनको ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना करने और सृष्टि को सजाने और संवारने की जिम्मेदारी दी थी. इस साल विश्वकर्मा जयंती 17 सितंबर 2023 को है जिसका शुभ मुहूर्त 17 सितंबर 2030 को सुबह 7:50 बजे से लेकर दोपहर 12:26 बजे तक रहेगा और फिर दोपहर 01:58 बजे से लेकर शाम को 03:30 तक रहेगा. इस शुभ मुहूर्त में सृष्टि के पहले शिल्पकार भगवान विश्वकर्मा की पूजा करने से कारोबार अच्छा चलता है और धन संपत्ति का आगमन होता है.
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