जनता से रिश्ता वेबडेस्क। Film Certificate: आजकल बॉलीवुड से लेकर हॉलीवुड तक एक से एक दमदार मूवी बनने लग गई है. लेकिन जब भी कोई भी फिल्म शुरू होती है तो हमें 10 सेकेंड के लिए स्क्रीन पर एक सर्टिफिकेट दिखाई देता है. कई बार लोगों के मन में यह सवाल तो जरूर उठता ही है कि इस सर्टिफिकेट का मतलब क्या होता है. लेकिन बहुत से लोग ऐसे भी होते हैं जो इसे अनदेखा कर देते हैं. लेकिन बहुत कम लोगों को यह बात पता होगी कि फिल्म की शूटिंग पूरी होने के बाद में टीम इस सर्टिफिकेट के लिए हाथ पैर तक जोड़ देती है. साथ ही अगर इस सर्टिफिकेट को प्राप्त नहीं किया गया तो उस मूवी को रिलीज भी नहीं किया जाएगा.
सर्टिफिकेट पर किस तरह की होती है जानकारियां?
इस सर्टिफिकेट को फिल्म को शुरू करने से पहले करीब 10 सेकेंड के लिए दिखाना बहुत ही जरूरी हो जाता है. इस सर्टिफिकेट को बहुत ही जरूरी माना जाता है. इस सर्टिफिकेट में बहुत सारी जानकारियां भी लिखी गई है. ज्यादातर लोग इस सर्टिफिकेट को अनदेखा कर दिया करते हैं. बहुत से लोग तो ऐसे होते हैं जो इस सर्टिफिकेट में सिर्फ देखते हैं कि इस की टाइमिंग क्या है और कितने रील हैं. लेकिन इसी के साथ और भी चीजें इस सर्टिफिकेट में लिखी हुई होती है. तो चलिए जानते हैं क्या है वह चीजें-
- जानकारी के लिए आपको बता दें कि अगर किसी फिल्म के सर्टिफिकेट में 'अ' लिखा हुआ होता है तो इसका अर्थ है कि यह फिल्म कोई भी बच्चे से लेकर बड़े तक देख सकता है.
- लेकिन अगर किसी फिल्म के सर्टिफिकेट पर 'अव' लिखा हुआ होता है तो इसका अर्थ इस फिल्म को 12 साल से कम उम्र के बच्चे अपने माता-पिता के साथ ही देख सकते हैं.
- वहीं अगर किसी फिल्म के सर्टिफिकेट पर 'व' लिखा हुआ होता है तो इसका अर्थ है कि यह फिल्म 18 साल से कम उम्र के बच्चे नहीं देख सकते.
- अगर किसी फिल्म के सर्टिफिकेट पर 'एस' लिखा हुआ होता है तो इसका अर्थ है कि है फिल्म खास ऑडियंस के लिए ही बनी है यानी कि इसे डॉक्टर या फिर साइंटिस्ट के लिए बनाया गया होता है.
- इतना ही नहीं अगर फिल्म के सर्टिफिकेट में फिल्म के रील की जानकारी दी हुई होती है तो फिल्म कितने समय की है यह भी उसमें लिखा होता है.
- लेकिन अगर वहीं सेंसर बोर्ड को यह लगने लगता है कि फिल्म में किसी सीन को हटाना चाहिए तो यह भी सर्टिफिकेट पर लिखा हुआ होता है.