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नथ (नथनी) पहनने की परंपरा भारतीय संस्कृति में प्राचीन समय से है। यह एक प्रकार का नज़राना होता है जिसे विवाहित महिलाएं धारण करती हैं। विभिन्न क्षेत्रों और संस्कृतियों में नथ के पहनने के पीछे कई कारण हो सकते हैं, जिनमें से कुछ कारण निम्नलिखित हो सकते हैं:
शौभाग्य संकेत: नथ को कई लोग शौभाग्य और सुख-शांति का संकेत मानते हैं। विवाहित महिलाएं नथ को एक शौभाग्यशाली और सफल विवाह का प्रतीक मानती हैं।
प्राचीन परंपरा: नथ के पहनने की एक और वजह भारतीय संस्कृति में प्राचीन परंपरा का अनुसरण करना है। यह एक प्राचीन सदीयों से चली आ रही परंपरा है जो समाज में अविभाज्य है।
सांस्कृतिक भेदभाव: नथ के पहनने के विभिन्न रूप समाज में सांस्कृतिक भेदभाव को दर्शाते हैं। यह किसी क्षेत्र, समुदाय, या जाति के साथ जुड़े हुए संस्कारों और परंपरागत अनुष्ठानों से जुड़ा हो सकता है।
रोगनिवारण: कुछ लोग नथ को रोगनिवारण और आयुर्वेदिक उपचार के लिए भी पहनते हैं। धातु या गोल्डन नथ के छोटे धागों का दबाव विशिष्ट अंगों में रक्त संचार को सुधार सकता है और कुछ रोगों में आराम प्रदान कर सकता है।
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