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आखिर क्‍या है Oxygen Concentrator, कैसे बचाती है मरीजों की जान, ऑक्सीजन सिलेंडर से काफी डिफरेंट

Gulabi
26 April 2021 8:32 AM GMT
आखिर क्‍या है Oxygen Concentrator, कैसे बचाती है मरीजों की जान, ऑक्सीजन सिलेंडर से काफी डिफरेंट
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Oxygen Concentrator

What is Oxygen Concentrator And How Does It Works: देश में जारी कोरोना की दूसरी लहर के बीच कई राज्यों के अस्पतालों में ऑक्सीजन संकट बना हुआ है. लगातार प्रयास हो रहे हैं, बावजूद इसके कई अस्पतालों में मेडिकल ऑक्सीजन की सप्लाई पूरी नहीं हो पा रही है. सांस की तकलीफों वाले कोरोना मरीजों के लिए उनके परिजन ऑक्सीजन सिलेंडर ढोते भी नजर आ रहे हैं. लेकिन इन सबके बीच मरीजों की जान बचाने वाली एक और मशीन चर्चा में है.


यह मशीन है ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर. सामान्य हवा से ऑक्सीजन तैयार करनेवाली यह मशीन मरीजों के लिए किसी संजीवनी से कम नहीं. खासकर जिन अस्पतालों में ऑक्सीजन सपोर्ट की व्यवस्था नहीं है, वहां के लिए और होम आइसोलेशन वाले मरीजों के लिए यह मशीन एक बड़ा विकल्प है. देश में मुख्यत: दो बड़ी कंपनियां बीपीएल और फिलिप्स इसे तैयार करती है. बहरहाल आइए जानते हैं… ये ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर होता क्या है… ऑक्सीजन सिलेंडर से यह कितना अलग है और काम कैसे करता है.
​क्या होता है ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर?
ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर दिखने में एक पोर्टेबल ट्रॉली की तरह हो सकता है, एक कंप्यूटर के आकार का हो सकता है या वाटर प्यूरीफायर की तरह दिख सकता है. कंपनियां इसे अलग-अलग मॉडल में तैयार करती हैं. यह एक तरह से पोर्टेबल मशीन(Portable Machine) होता है, जो घर या बाहर की सामान्य हवा से ऑक्सीजन जेनरेट करता है. ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर उन जगहों पर ज्यादा इस्तेमाल किए जाते हैं, जहां लिक्विड ऑक्सीजन या प्रेशराइज्ड ऑक्सीजन इस्तेमाल करने की सुविधा न हो या फिर ऐसा करना खतरनाक हो. जैसे, बहुत सारे छोटे अस्पतालों या नर्सिंग होम या छोटे क्लीनिक में. कोरोना के मामलों मेंं यह होम आइसोलेशन वाले मरीजों के लिए बहुत मददगार है.

कैसे ऑक्सीजन जेनरेट करता है?
ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर सांस की तकलीफों वाले मरीजों के लिए घर या बाहर की हवा से ऑक्सीजन जनरेट करता है. कंसन्ट्रेटर प्रेशर स्विंग एब्जॉर्प्शन तकनीक का इस्तेमाल करते हैं. जैसा कि हम जानते हैं कि नैचुरल हवा का 21 फीसदी हिस्सा ही ऑक्सीजन होता है, 78 फीसदी हिस्सा नाइट्रोजन और शेष हिस्से में अन्य गैसेस. ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर इस सामान्य हवा से नाइट्रोजन को अलग करता है और ऑक्सीजन की अधिकतम मात्रा वाले गैस को बाहर निकालता है. एक ट्यूब के जरिए इसका इस्तेमाल मरीज सांस लेने में करते हैं.
सस्ता, सुविधाजनक और लाइफ सेविंग
मेडिकल ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर की लागत कम (करीब 30 से 60 हजार रुपये) होती है. कुछ तो बेहद छोटे पोर्टेबल मशीन की कीमत 3 से 5 हजार भी होती है. यह बिजली या बैटरी से चलता है. ऑक्‍सीजन सिलेंडर और रीफिलिंग की तुलना में यह सस्ता, सुरक्षित और सुविधाजनक विकल्प है. कंसन्ट्रेटर ऑक्सीजन के नए मॉलिक्यूल्स नहीं बनाते, बल्कि सामान्य हवा में से ही नाइट्रोजन को अलग कर देते हैं ताकि उसमें ऑक्सीजन बचे.

सिलेंडर या सप्लाई वाले मेडिकल ऑक्‍सीजन जितनी प्योरिटी है?
अस्पतालों में सप्लाई वाले या सिलेंडर वाले लिक्विड मेडिकल ऑक्‍सीजन की तुलना में यह थोड़ा कम शुद्ध ऑक्‍सीजन देता है. लिक्विड मेडिकल ऑक्‍सीजन 99 फीसदी तक शुद्ध होते हैं, जबकि कंसन्ट्रेटर 93 से 95 फीसदी तक शुद्ध ऑक्‍सीजन देता है. हालांकि एक्सपर्ट्स के मुताबिक, हल्के और मध्यम लक्षणों वाले कोरोना मरीजों के लिए कंसन्ट्रेटर काफी है, जिन मरीजों में ऑक्‍सीजन सैचुरेशन लेवल 85 फीसदी या ज्यादा हो.

85 से लेवल नीचे जाने पर लिक्विड मेडिकल ऑक्‍सीजन की ही सलाह दी जाती है. एक्सपर्ट्स ये भी कहते हैं कि ऑक्‍सीजन कंसन्ट्रेटर को आईसीयू का विकल्प नहीं माना जा सकता. दो ट्यूब वाले कंसन्ट्रेटर एक ही घर में, एक समय में 2 मरीजों के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है, लेकिन एक्सपर्ट क्रॉस-इंफेक्‍शन का खतरा बताते हैं और ऐसा न करने की सलाह देते हैं.
अचानक मांग बढ़ने से बाजार से गायब हुए कंसन्ट्रेटर
कोरोना लहर में ऑक्सीजन संकट गहराने से कंसन्ट्रेटर की मांग अचानक तेज हो गई और ऐसे में बाजार में इसकी उपलब्धता खत्म होती जा रही है. देश में बीपीएल और फिलिप्स इसकी बड़ी मैन्यूफैक्चरर कंपनियां हैं.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, BPL मेडिकल टेक्नोलॉजीज के सीईओ सुनील खुराना का कहना है कि इंडस्ट्री अचानक बढ़ी मांग के जिलए तैयार नहीं थी. हालांकि हमने तैयार यूनिट्स के आयात के लिए ऑर्डर दे दिए हैं और अमेरिका से इसके कंपोनेंट्स के आने का इंतजार भी कर रहे हैं. आते ही प्रॉडक्शन शुरू करेंगे.

वहीं, फिलिप्स इंडियन सबकॉन्टिनेंट के एमडी डेनियल मेजोन का कहना है कि कंपनी ने ऑक्सिजन कंसन्ट्रेटर का ग्लोबल प्रॉडक्शन बढ़ा दिया है. हम भारत में इसे उपलब्ध कराने की दिशा में काम कर रहे है. उम्मीद जताई जा रही है कि 10 से 15 दिनों में भारतीय बाजार में बड़े पैमाने पर यह मशीन उपलब्ध हो जाएगी.


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