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रेव पार्टी क्या है, कब हुई शुरुआत, जानिये कैसा होता है चलन

Admin4
5 Oct 2021 3:07 PM GMT
रेव पार्टी क्या है, कब हुई शुरुआत, जानिये कैसा होता है चलन
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रेव पार्टी क्या है, कब हुई शुरुआत?

जनता से रिश्ता वेबडेस्क :- मुंबई ड्रग केस (Mumbai Cruise Drugs Party Case) में शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान समेत अन्य आरोपी फिलहाल एनसीबी की कस्टडी में हैं. जिस पार्टी से आरोपियों की गिरफ्तारी हुई है, वह मुंबई से गोवा जा रहे क्रूज पर चल रही थी. ऐसी पार्टियों में डांस, मस्ती के साथ नशा और अय्याशी का पूरा इंतजाम होता है. इन्हें रेव पार्टी कहा जाता है.

विदेशों के अलावा देश के मुंबई, पुणे, बेंगलुरु, कोलकाता और दिल्ली-एनसीआर जैसे कॉस्‍मोपॉलिटन शहरों में ऐसी रेव पार्टिंया होती रहती हैं. ज्यादातर रेव पार्टीज में खाने-पीने के साथ डांस, मस्ती, धमाल तो होता ही है, साथ ही ड्रग्स और सेक्स के इंतजाम भी होते हैं. बस आपकी जेब में पैसे होने चाहिए. हालांकि इन सबमें सीक्रेसी का पूरा ध्यान रखा जाता है. आर्यन खान वाले ताजा मामले में भी बताया जा रहा है कि किसी के इन्फॉर्मेशन लीक करने से ही एनसीबी को इसकी भनक लगी थी.
रेव पार्टी क्या है, कब हुई शुरुआत?
यूरोपियन कंट्रीज में 60 के दशक में होने वाली पार्टियां शराब और शवाब तक सीमित थी, लेकिन 80 के दशक में इसका स्वरूप बदलने लगा और इसने रेव पार्टी का रूप ले लिया. 90 के दशक में आते-आते दुनियाभर के कई देशों में रेव पार्टियों का चलन बढ़ने लगा. 'रेव' शब्द की बात करें तो मौज-मस्ती से भरी जोशीली महफिलों को रेव कहा जाता है. लंदन में होने वाली ऐसी जोशीली पार्टियों को 'रेव पार्टी' कहा जाने लगा.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमेरिकी कानून विभाग का एक दस्तावेज बतात है कि 80 के दशक की डांस पा​र्टीज से ही रेव पार्टी का उद्भव हुआ. यूं कहें कि डांस पार्टी, रेव पार्टी में तब्दील होने लगी. इसमें म्यूजिक तकनीक, शौक और ड्रग्‍स वगैरह जुड़ते चले गए और रेव पार्टियों की लोकप्रियता बढ़ती गई.
भारत में रेव पार्टियों का चलन
देश में रेव पार्टियों का चलन गोवा से शुरू हुआ. हिप्पियों ने गोवा में इसकी शुरुआत की थी. इसके बाद कई शहरों में ऐसी पार्टियों का ट्रेंड बढ़ता चला गया. पिछले कुछ सालों में हिमाचल की कुल्लू घाटी, बेंगलुरु, पुणे, मुंबई समेत कई शहर रेव हॉटस्पॉट के रूप में उभरे हैं. मुंबई, पुणे जैसे शहरों में ऐसी रेव पार्टियों के गिरफ्तारियां होती रहती हैं.
रेव पार्टियों में आखिर होता क्या है?
डांस, मस्ती, धमाल, शराब, शवाब, बेरोकटोक हर बात की छूट… लंबी चलने वाली ऐसी पार्टियों का यही मतलब है. ऐसी पार्टियों की एंट्री के लिए मोटा पैसा खर्च करना पड़ता है. भीतर लाउड साउंड में संगीत बजते रहते हैं और युवा मस्ती में चूर होते हैं. खाना-पीना, ड्रिंक्स, शराब, सिगरेट वगैरह के अलावा कोकीन, हशीश, चरस, एलएसडी, मेफेड्रोन, एक्‍सटसी जैसे ड्रग्‍स का इंतजाम रहता है. कुछ रेव पार्टियों में सेक्स के लिए 'चिल रूम्‍स' भी होते हैं.
एनसीबी के एक अधिकारी के हवाले से लिखा है कि रेव पार्टियां केवल पार्टी सर्किट से जुड़े हुए कुछ चुनिंदा लोगों के लिए आयोजित की जाती हैं. नए लोगों को इन पार्टियों में आने की इजाजत नहीं होती. सीक्रेसी का पूरा ध्यान रखा जाता है. ड्रग लेने और बेचने वालों के लिए यह एक सुरक्षित जगह होती है. अधिकारी के मुताबिक रेव पार्टियों में बड़ी मात्रा में ड्रग्स लिया जाता है. रेव पार्टियां 24 घंटे से लेकर तीन दिनो तक चलती हैं.


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