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होली की अजीबोगरीब परंपरा, यहां खुशियां नहीं मातम मनाते हैं लोग

Subhi
18 March 2022 5:11 AM GMT
होली की अजीबोगरीब परंपरा, यहां खुशियां नहीं मातम मनाते हैं लोग
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आज देशभर में पूरे हर्षोल्लास के साथ होली का त्योहार मनाया जा रहा है. जहां एक तरफ होली के दिन पूरा देश रंगों से सरोबार नजर आता है. वहीं देश में कुछ ऐसी जगह हैं, जहां होली के दौरान बहुत ही विचित्र परम्पराएं निभाई जाती हैं

आज देशभर में पूरे हर्षोल्लास के साथ होली का त्योहार मनाया जा रहा है. जहां एक तरफ होली के दिन पूरा देश रंगों से सरोबार नजर आता है. वहीं देश में कुछ ऐसी जगह हैं, जहां होली के दौरान बहुत ही विचित्र परम्पराएं निभाई जाती हैं. आज हम आपको देश की एक ऐसी जगह के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां होली के दिन लोग खुशियां नहीं बल्कि मातम मनाते हैं. इसके बारे में जानकर आपको भी हैरानी होगी.

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, जब होली के दिन पूरे देश में खुशियां मनाई जा रही हैं तो हरियाणा के कैथल जिले के दूसरपुर गांव में आज के दिन मातम मनाने की बहुत ही विचित्र परंपरा है. होली के दिन यहां लोग एक-दूसरे को रंग नहीं लगाते, बल्कि इस गांव में चारों तरफ मातम पसरा रहता है. इसके पीछे का कारण एक बाबा के शाप को माना जाता है.

गांव के बुजुर्ग बताते हैं कि कई साल पहले गांव में एक बाबा रहते थे. बाबा का नाम श्रीराम स्नेही दास था. गांव के लोगों के अनुसार, एक बार गांव के किसी शख्स ने श्रीराम स्नेही दास बाबा से कुछ ऐसी बात कह दी थी, जिससे बाबा नाराज हो गए थे. इसके बाद उन्होंने होली के दिन होलिका दहन की अग्नि में कूदकर अपनी जान दे दी थी. बाबा ने जलते समय बाबा गांव वालों को शाप दिया था कि अगर गांव में किसी ने होली मनाई तो उसके यहां बहुत बड़ा अपशकुन होगा.

बाबा के शाप के डर से इसके बाद गांव के लोगों ने होली मनानी बंद कर दी और आज तक इस गांव में होली नहीं मनाई जाती. बता दें कि बाबा श्रीराम स्नेही दास जिस जगह अग्नि कुंड में जले थे, वहां उनकी समाधि बनाई गई है. आज के दिन उनकी समाधि पर लोग पूजा-पाठ करते हैं. माना जाता है कि इससे लोगों की मुरादें पूरी होती हैं. गांव वाले बाबा के शाप का तोड़ भी बताते हैं. गांव के लोग कहते हैं कि होली के दिन कोई महिला अगर पुत्र को जन्म दे या फिर गाय बछड़े को जन्म दे तो यह शाप खत्म हो जाएगा.


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