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जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अगर आप अटारी रेलवे स्टेशन (Attari Railway Station) से ट्रेन पकड़ना चाहते हैं या फिर इस स्टेशन पर उतरना चाहते हैं, तो आपके पास वीजा होना चाहिए. भारत और पाकिस्तान की सीमा पर स्थित अमृतसर के अटारी रेलवे स्टेशन में बिना वीजा के यात्रियों का आना जाना सख्त मना है. इस स्टेशन पर 24 घंटे सुरक्षा बलों की निगरानी रहती है, ऐसे में अगर कोई व्यक्ति बिना वीजा (Visa) के पकड़ा जाता है तो उस पर 14 फोरन एक्ट के तहत मामला दर्ज किया जा सकता है और उस व्यक्ति कड़ी सजा भी हो सकती है.
इस रेलवे स्टेशन पर नहीं है कोई भी बोर्ड
झारखंड की राजधानी रांची से टोरी जाने वाली ट्रेन भी एक बेनाम स्टेशन से होकर गुजरती है. यहां किसी भी प्रकार का कोई साइन बोर्ड भी देखने को नहीं मिलेगा. जब इस स्टेशन से 2011 में पहली बार ट्रेन का परिचालन हुआ तो रेलवे ने इसका नाम बड़कीचांपी रखने का सोचा था. लेकिन कमले गांव के लोगों का विरोध होने के बाद यह स्टेशन भी बेनाम ही रह गया. उन लोगों का कहना था कि इस रेलवे स्टेशन को बनाने के लिए उनके गांव की जमीन और मजदूर लगे थे इसलिए इस गांव का नाम कमले स्टेशन होना चाहिए. इस प्रकार इस विवाद के बाद आज भी इस स्टेशन को कोई नाम नहीं मिला है.
भारत के इस राज्य में है बिना नाम का स्टेशन
क्या आपने कभी ऐसे स्टेशन के बारे में सुना है जो बिना किसी नाम के पूरी तरह कार्यात्मक हो यानी बिना नाम का रेलवे स्टेशन. भारत के पश्चिम बंगाल के बर्धमान से 35 किलोमीटर की दूरी पर बांकुरा-मैसग्राम रेलवे लाइन पर मौजूद इस बेनाम रेलवे स्टेशन का निर्माण साल 2008 में किया गया था, जिसे रैनागढ़ नाम दिया गया था. लेकिन रैना गांव के लोगों को रेलवे स्टेशन का यह नाम पसंद नहीं आया, इसलिए उन्होंने रेलवे बोर्ड में स्टेशन का नाम बदलने के लिए शिकायत की फिर इस स्टेशन के बोर्ड से रैनागढ़ नाम हटा दिया गया. तब से यह रेलवे स्टेशन बिना नाम के ही चल रहा है.
इस प्लेटफॉर्म पर ट्रेन का इंजन राजस्थान में तो डिब्बे एमपी में
दिल्ली-मुंबई रेलवे लाइन पर स्थित भवानी मंडी रेलवे स्टेशन का दो अलग-अलग राज्यों से लिंक है. यह अनोखा रेलवे स्टेशन राजस्थान और मध्य प्रदेश के बीच बंटा हुआ है, जिसकी वजह से भवानी मंडी पर रुकने वाली हर ट्रेन का इंजन राजस्थान में होता है जबकि उसके डिब्बे मध्य प्रदेश की जमीन में खड़े होते हैं. भवानी मंडी रेलवे स्टेशन के एक छोर पर राजस्थान का बोर्ड लगा हुआ है, जबकि दूसरे छोर पर मध्य प्रदेश का बोर्ड लगाया गया है. दो राज्यों में बंटा होने की वजह से इस स्टेशन को भारत के सबसे अनोखा रेलवे स्टेशनों में गिना जाता है, जो झालावाड़ जिले और कोटा संभाग के अंतर्गत स्थित है.
ऐसा स्टेशन जहां पर मौजूद है दो राज्यों का बॉर्डर
भारत के सबसे अलग और अनोखे रेलवे स्टेशनों की लिस्ट में नवापुर रेलवे स्टेशन का नाम सबसे ऊपर आता है. इस स्टेशन का एक हिस्सा महाराष्ट्र में है, जबकि दूसरा हिस्सा गुजरात में है. इसी वजह से नवापुर रेलवे स्टेशन दो अलग-अलग राज्यों में बंटा हुआ है, जहां प्लेटफॉर्म से लेकर बेंच तक सभी चीजों पर महाराष्ट्र और गुजरात लिखा हुआ है. स्टेशन पर घोषणाएं भी 4 भाषाओं, अंग्रेजी, हिंदी, मराठी और गुजराती में की जाती हैं.
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