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हाथी ने सिखाया इंसानियत
इंसानों को इंसानियत सिखा गया हाथी, पत्थरदिल को भी धड़का गया हाथी, पर पीड़ा पर पलकें भींगी नहीं, तो जिंदगी वो कुछ और है, जिंदगी नहीं, इंसानों से बड़ा आज कोई जानवर नहीं, जानवर से बड़ी किसी में इंसानियत नहीं.बात बुरी लग सकती है, लेकिन सच्ची है. एक सड़क पर कुत्ता मरा पड़ा है. लोग आ जा रहे हैं. गाड़ियां हॉर्न बजा कर निकलती जा रही हैं. वहां जंजीरों में जकड़ा एक हाथी आता है, ठिठक जाता है और रास्ता बदल लेता है. क्यों? क्योंकि कुत्ता उसके पैरों से कुचल जाएगा. हैरान कर देने वाली बात.
कुत्ता पहले से ही कुचला जा चुका है. उसका मृतक शरीर गाड़ियों के टायरों से कई बार कुचला जा चुका है. लेकिन इस बार-बार कुचले जा चुके कुत्ते को हाथी एक बार और कुचलने को तैयार नहीं था. क्योंकि उसके विशालकाय शरीर में एक छोटा सा दिल था, जो धड़क रहा था. उस दिल को ऐसा करना स्वीकार नहीं था.
आईएफएस अधिकारी सुशांत नंदा ने 27 फरवरी को एक वीडियो शेयर किया है. यह वीडियो अत्यंत ही भावुक कर देने वाला है. हम इंसानों से सवाल करने वाला है. जानवरों में इतनी संवेदनशीलता है, इंसानों की संवेदनशीलता कहां चली गई है. पहली गाड़ी जिसने इस कुत्ते को कुचला, वो गुजर गई. वो दूसरी गाड़ी, जिसने इस कुत्ते को कुचला, वो गुजर गई.आखिर नज़र गई तो किसकी गई? एक हाथी की
In chains...
— Susanta Nanda IFS (@susantananda3) February 27, 2021
Still more humane🙏🙏
Free all wild animals from chains & cages. pic.twitter.com/KBQy6WqyRp
उन आंखों का हंसना भी क्या, जिन आंखों में पानी नहीं
हैरानी की बात तो यह है कि हाथी के रास्ता बदलने के बाद भी हम इंसान सुधरे नहीं. गाड़ियां पहले की तरह ही गुजरती रहीं. हाथी कुछ हमसे कहना चाह रहा है. हम सुनने को तैयार नहीं हैं. एक गाने की लाइन याद आ रही है, 'उन आंखों का हंसना भी क्या, जिन आंखों में पानी नहीं.'अगर पर पीड़ा से पलकें किसी की भींगती नहीं है, तो उसकी जिंदगी फिर कुछ और है, जिंदगी नहीं है.
जंजीरों की जरूरत इंसानों को है या हाथियों को?
अब सोचने वाली बात यह है कि यह हाथी जंजीरों में जकड़ा हुआ है. और हम इंसान आजाद हैं जो सड़कों पर उतर कर अमानवीयता का चरम प्रदर्शन कर रहे हैं. जंजीरों में जकड़े हाथी को सही-गलत का पता है. हम इंसानों के जिस्मों में फेफड़े तो हैं, दिल लापता है. ऐसे इंसानों से ऊपरवाला सृष्टि को बचाए, ऐसे हाथी धरती पर और भिजवाए. जीना तो इन्हें आता है, इंसानों के लिए तो ये दिल, ये दर्द, ये दया, ये दृष्टि बस खेल तमाशा है.
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