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शार्क की एक प्रजाति है जिसका सामान्य नाम एंजेलशार्क (Angelshark) है. इसे एंजेल इसलिए कहते हैं क्योंकि ऊपर से देखने पर इसका आकार एंजेल यानी परियों जैसा दिखता है. हाल ही में मरीन बायोलॉजिस्ट और फोटोग्राफर जेक डेविस ने इस दुर्लभ प्रजाति के शार्क की शिकार करते हुए वीडियो बनाया. ऐसा पहली बार हुआ है कि जब इस शार्क का इस तरह का वीडियो बनाया गया है. यह वीडियो इंग्लैंड के तट के पास समुद्र में बनाया गया है.
एंजेलशार्क (Angelshark) की प्रजाति अत्यधिक खतरे में है. इसे IUCN की लाल सूची में शामिल है. एंजेलशार्क की संख्या पिछले 50 सालों से लगातार घटती जा रही है. लेकिन इस बार इसका वीडियो बनाने के बाद समुद्री जीव वैज्ञानिकों को इसके लोकेशन का पता चला है, तो अब वो इसे संरक्षित करने की योजना बना रहे हैं. खैर अब बात करते हैं कि वीडियो में क्या दिखा. इसमें दिखाई दिया कि एक एंजेलशार्क कैसे तैरते हुए खुद को समुद्री रेत के अंदर छिपा लेती है, उसके बाद जैसे ही एक छोटी मछली उसके सामने आती है, वह उसे एक झटके में निगल लेती है.
एंजेलशार्क (Angelshark) को वैज्ञानिक भाषा में स्क्वाटिना स्क्वाटिना (Squatina Squatina) कहते हैं. यह कॉन्ड्रीकाइथिस (Chondrichthyes) समूह का सदस्य है. इसमें शार्क और रे मछलियों की कुछ प्रजातियां शामिल हैं. एंजेलशार्क दिखने में मान्टा रे, इलेक्ट्रिक-रे और शार्क के शरीर का मिश्रण दिखती है. इसका शरीर चपटा होता है. इसके पंख फैले हुए होते हैं और मुंह बेहद चौड़ा होता है. यह अपने आप को समुद्र की मिट्टी में ढंक कर छिपा लेती है, जैसे ही इसके ऊपर या सामने शिकार आता है, यह उसपर टूट पड़ती है. यह गोरिल्ला युद्ध की तरह शिकार पर हमला करती है.
जेक डेविस ने एक प्रेस रिलीज में बताया कि एंजेलशार्क (Angelshark) का हमला इतना तेज होता है कि शिकार को बचने का मौका ही नहीं मिलता. जेक के वीडियो में भी यही बात देखने को मिलती है. एंजेलशार्क की सबसे खास बात ये है कि उसके शरीर का रंग समुद्री मिट्टी में मिल जाता है. इसके अलावा वो खुद को उसी मिट्टी से ढंक लेता है तो शिकार उसे देख ही नहीं पाता. जेक ने बताया कि यह वीडियो बनाते समय वो इतने खुश और हैरानी में थे कि वो इन्हें शब्दों में बयान नहीं कर सकते. क्योंकि ये शार्क बेहद दुर्लभ है. कम दिखती है. ऊपर से उसे शिकार करते हुए देखना बहुत बड़ी बात है.
जेक ने जिस एंजेलशार्क (Angelshark) का वीडियो बनाया है वो बच्चा थी. यानी अभी पूरी तरह से वयस्क नहीं हुई थी. वह सिर्फ 12 इंच की शार्क थी. यह शार्क नॉर्थ कार्डिगन बे में शिकार कर रही थी. इंग्लैंड के पास मौजूद इस खाड़ी में ही इन एंजेलशार्क (Angelshark) की प्रजाति पाई जाती है. यहीं पर इनका जन्म होता है. जेक ने कहा कि उन्होंने जब फोटोग्राफी के लिए गोता लगाया वो हर बार एंजेलशार्क को खोजते थे, लेकिन उन्हें यह मौका चार साल बाद मिला है. जेो कि उनके लिए किसी अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार से कम नहीं है.
दुर्लभ एंजेलशार्क (Angelshark) को संरक्षित करने और उनका शिकार रोकने के लिए एंजेलशार्क प्रोजेक्ट वेल्स चल रहा है. यह नेचुरल रिसोर्सेस वेल्स और जुओलॉजिकल सोसाइटी ऑफ लंदन के बीच एक समझौते के तहत चलाया जा रहा है. इसका मकसद है कि स्थानीय मछुआरों और वैज्ञानिकों को आपस मिलाना. मछुआरों को एंजेलशार्क का शिकार करने से रोकना. साथ ही अगर कहीं एंजेलशार्क दिखाई दे तो उसके बारे में वैज्ञानिकों को सूचना देना. ताकि वैज्ञानिक इस दुर्लभ मछली को बचाने और उसके व्यवहार को समझने का हरसंभव प्रयास कर सकें.
मरीन इकोलॉजिस्ट बेन रे ने कहा कि दुर्लभ एंजेलशार्क (Angelshark) की स्थिति, इकोलॉजी, उनके रहने के स्थान आदि के बारे में वैज्ञानिकों को बहुत कम जानकारी है. अभी तक हम सिर्फ 4 फीसदी एंजेलशार्क की जानकारी जमा कर पाए हैं. जेक डेविस का वीडियो बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि उन्होंने एक बच्चे एंजेलशार्क को शूट किया है. इसका मतलब उस जगह पर और भी बड़े एंजेलशार्क होंगे. क्योंकि आमतौर पर शार्क अपने परिवार के साथ ही रहती हैं. अगर उनकी खोज की जाए तो हमें इस दुर्लभ प्रजाति के बारे में काफी ज्यादा जानकारी मिल सकती है.
एंजेलशार्क (Angelshark) समुद्र में 4300 फीट की गहराई तक रह सकती है. आमतौर पर ये 10 से 328 फीट तक ही रहती हैं. इसे मॉन्कफिश (Monkfish) भी बुलाया जाता है. इसका पूरी तरह से विकसित वयस्क 7 फीट लंबा हो सकता है. अधिकतम वजन 35 किलोग्राम तक जा सकता है. शरीर का बाहरी हिस्सा सख्त और मजबूत होता है, जबकि निचला हिस्सा थोड़ा कम मजबूत होता है. ज्यादातर एंजेलशार्क औसतन 5 फीट तक लंबी होती हैं. अगर कोई गोताखोर इसकी पूंछ या सिर पकड़ने की कोशिश करता है तो ये तेजी से हमला करती है. इसके जहर से बेहोश होने का खतरा रहता है.
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