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कोविड-19 (Covid-19) के खिलाफ लड़ाई के दौरान कई हेल्थ वर्कर्स ने अपनी जान गंवाई है
कोविड-19 (Covid-19) के खिलाफ लड़ाई के दौरान कई हेल्थ वर्कर्स ने अपनी जान गंवाई है. उसके बाद भी हेल्थ वर्करों का हौसला नहीं टूटा है. आज भी हेल्थ वर्कर्स उसी मुस्तैदी के साथ जनहित में काम कर रहे हैं, जिसकी गवाही सोशल मीडिया (Social Media) पर तेजी से वायरल हो रहा यह वीडियो (Viral Video) दे रहा है. इस वीडियो में कोविड 19 टीकाकरण अभियान को आयोजित करने के लिए टीम नदी को पार कर रही है, ताकि समय पर कैम्प आयोजित कर लोगों को वैक्सीन लगाई जा सके और कोरोना संक्रमण की इस जंग को जीता जा सके.
वायरल हो रहे वीडियो में तेज बहाव वाली नदी में हेल्थ वर्कर घुटने तक पानी के होने के बाद भी एक दूसरे का हाथ पकड़कर नदी को पार कर रहे है. वायरल हो रहे इस वीडियो के बारे में बताया जा रहा है कि हेल्थ टीम जम्मू कश्मीर के राजौरी के दूरदराज त्राल्ला गांव में कैंप आयोजित करने जा रही थी. उसी दौरान नदी को पार करने के दौरान यह वीडियो बनाया था, जिसे त्राल्ला स्वास्थ्य केन्द्र की प्रभारी डॉक्टर इरम यास्मीन ने साझा किया है.
बता दें कि जम्मू कश्मीर सहित पूरे देश में इन दिनों में तेजी से टीकाकरण अभियान चल रहा है. इसी अभियान के चलते कोविड 19 टीकाकरण अभियान को आयोजित करने वाली टीम को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. कई बार टीम ने नाव में बैठकर ही ग्रामीणों को वैक्सीन लगाई, तो कई बार घने जंगलों में कई किलोमीटर चलने के बाद कैम्प को आयोजित किया गया है.
#Watch J&K | Health workers cross a river to carry out door-to-door COVID19 vaccination in Rajouri district's Tralla village
— ANI (@ANI) July 10, 2021
(Video Source: Dr Iram Yasmin, In-charge, Tralla Health Centre) pic.twitter.com/884C36ZBhA
सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे इस वीडियो को लेकर लोगों की मिलीजुली प्रतिक्रिया सामने आ रही है. कोई हेल्थ वर्कर की कड़ी मेहनत का सम्मान कर रहा है, तो कोई कह रहा है आजादी के 70 साल के बाद भी सरकार गांवों तक पहुंचने के सड़क या पुल नहीं बनवा पाई है. अगर तेज बहते पानी में इन वर्करों के साथ कुछ हो गया तो कौन जिम्मेदार होगा. भारत में इन्हीं हेल्थ वर्करों की कड़ी मेहनत के बदौलत अब तक 37 करोड़ से ज्यादा लोगों को कोरोना वैक्सीन लग चुकी है और अभी भी तेजी से टीकाकरण अभियान आयोजित किए जा रहे है, ताकि कोरोना की तीसरी लहर आने से पहले ज्यादा से ज्यादा लोगों को वैक्सीन लगाई जा सके.
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