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जिसे समझा माइग्रेन वो निकला लाइलाज कैंसर
शरीर में कब, कहां, कैसे कोई बीमारी दस्तक दे जाए कहा नहीं जा सकता. लाख सतर्कता के बद भी कई बार लोग ऐसी लाइलाज समस्या से घिर जाते हैं जिसके आगे अपना कोई वश नहीं चलता. डॉ., पैसा कुछ काम नहीं आता. मगर इंसान को कोशिश नहीं छोड़नी चाहिए. और सबसे बड़ी बात शरीर में हो रही छोटी समस्या को इग्नोर कर आगे बढ़ जाना भी कई बार खतरे की घंटी होती है.
इंग्लैंड के ल्यूटन (England, Luton) की 43 साल की क्लियर शिप (Claire Shipp) ऐसी ही एक महिला हैं जिनके हाथ की अंगुली अचानक सुन्न पड़ गई. हों ने काम करना बंग कर दिया तो वो डॉ के पास गई जहां जांच के बाद डॉक्टर ने उसे कार्पल टनल सिंड्रोम (Carpal tunnel syndrome) बताया. मगर अगले ही पल उसके साथ कुछ और ऐस होने लगा जिसे देखकर वो डर से भर गई. इन नए लक्षणों में छिपा था गंभीर बीमारी का संकेत जिसे इग्नोर करना घातक हो सकता था. असल में वो तोज़ी से बढ़ने वाले लाइलाज ब्रेन ट्यूमर (Brain tumour) से जूझ रही थी.
जिसे समझा माइग्रेन वो निकला लाइलाज कैंसर
अंगुलियों के बाद क्लेयर का चेहरा भी सुन्न पड़ने लगा जिसके बाद उसकी सीटी स्कैनिंग करनी पड़ी. जहां पता चला की उसे तो ब्रेन ट्यूमर (Brain tumour) है. जो तेज़ी से बढ़ रहा है. और लाइलाज किस्म का है. ये सुनते ही क्लेयर सदमें में चली गई. दरअसल इसके पहले उसे अंगुलियों की समस्या के अलावा कोई प्रॉब्लम नहीं थी. शरीर में थोड़ी झनझनाहट हुई तो डॉक्टर ने कहा कि ये माइग्रेन हो सकता है. लिहाज़ा वो भी सामान्य हो गई. मगर ब्रेन ट्यूमर सुनकर वो दहशत में आ गई. क्लेयर को लंदन में नेशनल हॉस्पिटल फॉर न्यूरोलॉजी एंड न्यूरोसर्जरी (National Hospital for Neurology and Neurosurgery in London) में रेफर किया गया, जहां ग्रेड फोर एस्ट्रोसाइटोमा (Astrocytoma) की पुष्टि की गई. यो एक कैंसरस मस्तिष्क वृद्धि (cancerous brain growth) था जो रीढ़ को भी प्रभावित कर सकती था. जिसके बाद डॉक्टरों ने जल्द से जल्द सर्जरी करने को कहा.
सर्जरी के बाद खत्म नहीं हुई समस्या
क्लेयर की जल्द ही सर्जरी की गई इस दौरान उन्हें जगाए रखा गया ताकी उनकी दिमाग की स्थिति पर लगातार निगरानी की जा सके. या पता लगाया जा सके कि सर्जरी में उनके दिमाग की कोई ज़रूरी नस न कट जाए. हालांकि सर्जरी पूरी हो जाने के बाद भी डॉक्टरों ने कहा कि अपनी तरफ से उन्होंने पूरा ट्यूमर निकाल दिया है मगर अब भी उन्हें दोबारा कैंसर होने की आशंका बनी हुई हैं (There is a risk of getting cancer again). ऐसे में क्लेयर की आंखों के आगे उनके 9 साल के बेटे का चेहरा घूम गया जिसे वो बेहद प्यार करती हैं. और बेटा भी मां-बाप में सबसे ज्यादा मां के करीब है. इलाज के चलते वो अपने बेटे से न मिल पाने के लिए मजबूर हैं ऐसे में उन्हें उसे न देख पाने के चलते दिल से दुखी हैं. लिहाज़ा वो सिर्फ अपने बेटे के लिए अपनी बीमारी के साथ कड़ा संघर्ष कर रही है. खुद को जल्द ठीक करने के लिए मेहनत कर रही है.
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