जरा हटके

वो तालिबानी कानून, जिन्हें सुनकर ही कांप जाती है रूह, आप भी जानें

Gulabi
16 Aug 2021 8:47 AM GMT
वो तालिबानी कानून, जिन्हें सुनकर ही कांप जाती है रूह, आप भी जानें
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तालिबानी कानून

अफगानिस्तान के लगभग हर हिस्से पर अब तालिबान का कब्जा हो गया है, जिसके बाद से देश में अफरा तफरी का माहौल है. लोग खुद को सुरक्षित देश से बाहर निकालने की कोशिशों में जुटे हैं और एयरपोर्ट पर काफी भीड़भाड़ देखने को मिल रही है (why afghanistan and taliban war). इस सबके बीच अफगानिस्तान की महिलाओं में तालिबानी कानूनों को लेकर काफी डर है. ये कानून महिलाओं की आजादी का गला घोंटने जैसे हैं.

जो महिलाएं देश से बाहर निकलने में कामयाब रहीं वो खुद को खुशनसीब समझ रही हैं, लेकिन जो वहीं रह गईं, उनका क्या? उन्हें तालिबान के क्रूर कानूनों का सामना करना पड़ सकता है (afghanistan situation). आतंकी संगठन तालिबान ने अमेरिकी सैनिकों के जाते ही पूरे देश को कब्जे में ले लिया है, जिससे इस बात का डर बना हुआ है कि वो एक बार फिर अपने नियमों को लागू कर देगा. जो महिलाओं के लिए काफी घातक हैं. तो चलिए आज इन नियमों के बारे में जानते हैं.
तालिबान के नियमों के अनुसार, महिलाएं अकेले घर से बाहर नहीं निकल सकतीं. इनके साथ कोई ना कोई पुरुष साथी जरूर होना चाहिए. पुरुष का महिला से खून का संबंध होना चाहिए, यानी वो उसका पति, पिता, भाई या बेटा हो (women rules under taliban regime ). किसी गैर पुरुष के साथ भी महिलाएं नहीं घूम सकतीं. इसके साथ ही उनके लिए बुर्का पहनना अनिवार्य होता है. जिसमें शरीर का कोई भी अंग दिखाई नहीं देना चाहिए.
तालिबान के नियमों में महिलाएं हाई हील्स भी नहीं पहन सकतीं. क्योंकि हील्स पहनने के बाद अगर वो चलेंगी तो उनके कदमों की आवाज आएंगी. तालिबान मानता है कि महिलाओं के कदमों की आवाज ठीक नहीं होती है और इससे पुरुष उत्तेजित हो सकते हैं. इसलिए महिलाएं पैरों में क्या पहनेंगी, इसका फैसला भी तालिबान ही करेगा.
महिलाएं सार्वजनिक स्थान पर ऊंची आवाज में कुछ नहीं बोल सकतीं. तालिबानी नियमों के अनुसार, कोई भी अनजान शख्स महिला की आवाज ना सुने, इसलिए ये नियम बनाया गया है (taliban women's rights). तालिबान के 2001 में सत्ता से बेदखल होने के बाद ये नियम हट गया था और महिलाएं राजनीति में भी बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रही थीं. लेकिन अब दोबारा उसका शासन आ गया है और एक बार फिर कभी भी ये नियम लागू हो सकता है.
आपको ये बात जानकर हैरानी होगी कि अगर किसी घर की ग्राउंड फ्लोर या फिर फर्स्ट फ्लोर पर महिला रहती है, तो उसके घर की खिड़की पर या तो पेंट कर दिया जाता है या फिर उसपर ऐसी स्क्रीन लगाई जाती है, ताकि भीतर रहने वाली महिला को किसी भी तरह से कोई देख ना सके. महिलाओं को आठ साल की उम्र के बाद शिक्षित होने की अनुमति नहीं होती और तब तक उन्हें केवल कुरान का अध्ययन करने की अनुमति होती है.
तालिबानी नियमों के अनुसार, महिलाओं के वीडियो बनाने, फोटोग्राफी करने या फिर उनकी तस्वीरों को अखबार, किताबों या घरों पर नहीं लगाया जा सकता. इसके अलावा पुरुष अपने फोन में भी अपनी पत्नी की तस्वीर नहीं रख सकते (afghanistan taliban war). इसे तालिबान अपने नियमों के खिलाफ मानता है. हाल ही में सरकार के पूरी तरह गिरने से पहले जिन इलाकों में तालिबान का कब्जा था, वहां उसने कुछ लोगों के फोन सिर्फ इसलिए तोड़ दिए, क्योंकि उनमें महिलाओं की तस्वीरें थीं.
महिलाएं रेडियो या टेलीविजन में काम नहीं कर सकतीं (women in afghanistan). ना ही इनमें किसी तरह से अपनी प्रस्तुति दर्ज करा सकती हैं. इसके अलावा वह किसी सार्वजनिक सम्मेलन में शिरकर नहीं कर सकतीं. अन्य नियमों की बात करें, तो महिलाएं साइकिल या मोटरसाइकिल नहीं चला सकतीं, बिना पुरुष साथी यानी मेहरम के टैक्सी में सफर नहीं कर सकतीं. एक ही बस में पुरुषों और महिलाओं को यात्रा करने से रोकने के लिए अलग-अलग बस सेवाएं शुरू हो सकती हैं.
तालिबान का कानून कहता है कि किसी भी स्थान पर 'विमेन' यानी महिला शब्द का इस्तेमाल नहीं हो सकता. जैसे, 'विमेंस गार्डन'. तालिबानी शासन में एक जगह का नाम 'विमेंस गार्डन' ही था, जिसे बदलकर 'स्प्रिंग गार्डन' किया गया. तालिबान की सरकार बनते ही दोबारा ये नियम लागू हो सकते हैं, जिनसे महिलाएं काफी डरी हुई हैं.
दुनिया के बाकी देशों में खुली हवा में सांस लेने के लिए लोग घर की बालकनी पर खड़े हो जाते हैं. लॉकडाउन के टाइम बालकनी जैसी जगहों से ही लोग बाहर का नजारा देख पा रहे थे . लेकिन तालिबानी राज में महिलाएं अपने घर या फिर अपार्टमेंट की बालकनी पर खड़ी नहीं हो सकतीं. नियमों को तोड़ने पर सजा दी जाती है.
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